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कोयला उत्पादन में 11.1 फीसद की वृद्धि, अप्रैल और मई में बिजली की रिकार्ड मांग के बावजूद नहीं हुई दिक्कत

अगस्त में बिजली सेक्टर को कुल 4.7 करोड़ टन कोयला दिया गया। अगस्त 2022 के मुकाबले 8 फीसद ज्यादा है। इस साल कंपनी हर महीने बिजली सेक्टर को उनके साथ किये गये समझौते से ज्यादा किया है। कोल इंडिया ने बिजली सेक्टर को 14.4 लाख टन कोयला हर दिन आपूर्ति करने का वादा किया था जबकि अभी तक असलियत में 15.15 लाख टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Fri, 01 Sep 2023 11:34 PM (IST)
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वित्त वर्ष 2023-24 में अगस्त तक कुल कोयला उत्पादन 28.15 करोड़ टन रहा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: वर्ष 2021 के कोयला संकट से सबक सीखते हुए सरकार और कोयला उत्पादक सरकारी कंपनी कोल इंडिया (सीआइएल) ने जो कदम उठाए हैं उसका साफ असर दिख रहा है। अगस्त, 2023 के मानसून से प्रभावित महीने में भी कोल इंडिया ने 5.23 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया है जो अगस्त, 2022 के मुकाबले 13.2 फीसद ज्यादा है।

अगर वित्त वर्ष 2023-24 की बात करें तो अगस्त तक कुल कोयला उत्पादन 28.15 करोड़ टन रहा है जो पिछले वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों के मुकाबले 11.1 फीसद ज्यादा है। यह वृद्धि 2.82 करोड़ टन की रही है। सीआइएल ने बताया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान अभी तक उसने कुल 5.9 करोड़ टन अतिरिक्त कोयले की आपूर्ति विभिन्न क्षेत्रों को की है। यह पिछले साल की अतिरिक्त वृद्दि के मुकाबले 15.3 फीसद ज्यादा है।

बिजली सेक्टर को कुल 4.7 करोड़ टन कोयला दिया गया

सीआइएल ने बताया है कि अगस्त माह में बिजली सेक्टर को कुल 4.7 करोड़ टन कोयला दिया गया है। यह अगस्त, 2022 के मुकाबले 8 फीसद ज्यादा है। इस साल कंपनी हर महीने बिजली सेक्टर को उनके साथ किये गये समझौते से ज्यादा किया है। कोल इंडिया ने बिजली सेक्टर को 14.4 लाख टन कोयला हर दिन आपूर्ति करने का वादा किया था जबकि अभी तक असलियत में 15.15 लाख टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है। अप्रैल से अगस्त के दौरान ताप बिजली घरों को कुल 24.87 करोड़ टन कोयला दिया गया है।

2021 में करना पड़ा था बिजली संकट का सामना

कोल इंडिया के पिटहेड पर बी 4.53 करोड़ टन है। अगर सितंबर से नवंबर माह में कोयला की मांग बिजली सेक्टर में अचानक बढ़ती है तो इसका उपयोग उसके लिए किया जा सकेगा। सनद रहे कि कोयले की कमी की वजह से वर्ष 2021 में पूरे देश में बिजली संकट का सामना करना पड़ा था। लेकिन कोयला मंत्रालय और बिजली मंत्रालय के बीच बेहतर तालमेल की वजह से वर्ष 2022 और वर्ष 2023 में अभी तक इस तरह का कोई संकट देखने को नहीं मिला है।

रिकार्ड मांग के बावजूद कोयले की नहीं हुई दिक्कत

अप्रैल और मई 2023 में बिजली की मांग में रिकार्ड वृद्धि होने के बावजूद कोयले की दिक्कत महसूस नहीं की गई थी। कोयला मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि वह लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। कोयला मंत्रालय ने ताप बिजली संयंत्रों को आवंटित कोयला खदानों के समायोजन का काम भी कर रहा है। इसके तहत अगर किसी संयत्र को दूर का खदान मिला है तो उसे नजदीक का कोयला खदान दिया जा रहा है।