Supreme Court Collegium: कोलेजियम ने की हाई कोर्ट के पांच न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के कुल मंजूर पद 34 हैं जिसमें से 28 न्यायाधीश अभी काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा जस्टिस दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश स्वीकार करने के बाद मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की यह पहली बैठक थी।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 13 Dec 2022 11:14 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने हाई कोर्ट के तीन मुख्य न्यायाधीशों सहित हाई कोर्ट के कुल पांच न्यायाधीशों को प्रोन्नत कर सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट के छह सदस्यीय कोलेजियम की मंगलवार को बैठक हुई जिसमें हाई कोर्ट के पांच न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने का प्रस्ताव पारित हुआ। कोलेजियम ने राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथाल, पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व मणिपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पीवी संजय कुमार और पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश असाउद्दीन अमानुल्लाह व इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश मनोज मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में प्रोन्नत करने की सरकार से सिफारिश की है। अगर सरकार सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिश मंजूर कर लेती है तो सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़कर 33 हो जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के कुल मंजूर पद 34 हैं जिसमें से 28 न्यायाधीश अभी काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा जस्टिस दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश स्वीकार करने के बाद मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की यह पहली बैठक थी जिसमें पांच नामों को सुप्रीम कोर्ट भेजने का प्रस्ताव पारित हुआ। जस्टिस दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश कोलेजियम ने 26 सितंबर को केंद्र सरकार को भेजी थी। केंद्र से जस्टिस दीपांकर दत्ता के नाम को मंजूरी मिलने के बाद जस्टिस दत्ता ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ ली।
जस्टिस दत्ता के पद ग्रहण करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़कर 28 हो गई। आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति से होने वाली संभावित रिक्तियों को देखते हुए कोलेजिमय ने बैठक कर हाई कोर्ट के पांच न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने का प्रस्ताव पारित किया है। चार जनवरी को जस्टिस एस. अब्दुल नजीर सेवानिवृत्त हो जाएंगे। जस्टिस नजीर को मिलाकर 2023 में सुप्रीम कोर्ट के कुल नौ न्यायाधीश सेवानिवृत्त हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम का गत नौ अक्टूबर का प्रस्ताव देखने से पता चलता है कि 26 सितंबर को जब जस्टिस दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नत करने पर कोलेजियम में सहमति बनी थी और उनके नाम का प्रस्ताव पारित हुआ था, उस समय कुल 11 नाम विचार में थे।
लेकिन जस्टिस दत्ता के अलावा बाकी के 10 नामों पर आगे विस्तृत चर्चा की जरूरत महसूस हुई और इसलिए कोलेजियम की बैठक 30 सितंबर तक के लिए टल गई थी। उस समय जस्टिस यूयू ललित प्रधान न्यायाधीश थे और उनकी अध्यक्षता में ही कोलेजियम की बैठक होती थी। इसके बाद 30 सितंबर को शाम 4.30 पर कोलेजियम की बैठक होनी थी, लेकिन कोलेजियम के एक सदस्य जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ बैठक में उपलब्ध नहीं थे। जिसके बाद तत्कालीन सीजेआइ यूयू ललित ने 30 सितंबर को सर्कुलर के जरिये प्रस्ताव पत्र कोलेजियम के सदस्य न्यायाधीशों को भेजा था।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ ने एक अलग पत्र के माध्यम से एक और सात अक्टूबर को प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, लेकिन जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर ने एक अक्टूबर को अलग से पत्र भेजकर न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए अपनाई गई सर्कुलेशन प्रक्रिया पर आपत्ति उठाई थी। हालांकि इन न्यायाधीशों ने प्रस्ताव में भेजे गए नामों पर अपनी कोई राय नहीं व्यक्त की थी। दो अक्टूबर को उन्हें दूसरा पत्र भेजकर वैकल्पिक सुझाव मांगे गए। लेकिन उनका जवाब नहीं आया तभी कानून मंत्री ने सात अक्टूबर को तत्कालीन सीजेआइ यूयू ललित को पत्र भेजकर उनसे अपना उत्तराधिकारी नामित करने का आग्रह किया था।
उत्तराधिकारी नामित करने के पत्र के बाद प्रकिया वही रुक गई थी। उसके बाद मंगलवार 13 दिसंबर को कोलेजियम की बैठक हुई और उसमें पांच न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने का प्रस्ताव पारित हुआ। बताते चलें कि इस बीच कोलेजियम के सदस्य न्यायाधीशों का संयोजन बदल चुका है। जस्टिस ललित सेवानिवृत्त हो चुके हैं और जस्टिस चंद्रचूड़ सीजेआइ हैं जिनकी अध्यक्षता में छह सदस्यीय कोलेजियम की बैठक हुई।