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पंचायती राज दिवस पर PM बोले, दिल्ली ही देश है; इस भ्रम से बाहर आएं

झारखंड के जमशेदपुर में पंचायती राज दिवस कार्यक्रम में देशभर से आए पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दिल्ली ही देश है इस भ्रम से अब बाहर आना होगा।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 24 Apr 2016 10:41 PM (IST)
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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गांवों के विकास में कोताही बरतने पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकास और जन सुविधाओं के मामले में गांव और शहर के बीच की खाई बढ़ती जा रही है। मूलभूत जरूरतों पेयजल, बिजली और सड़क जैसे मामले में बहुत अंतर है। दिल्ली ही देश नहीं है। भारत गांवों में बसता है। पंचायती राज दिवस पर ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के समापन अवसर पर देश की ढाई लाख पंचायतों को जमशेदपुर से सीधे संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि गांव के विकास से ही देश का विकास होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव बदलने लग गए तो देश भी बदलने में देर नहीं लगेगी। इन इरादों का आरंभ हो चुका है। गांवों को शहरों जैसी सुविधाओं से लैस करने का इरादा है। आजादी के वर्षों बाद पहली बार गांवों को ध्यान में रखकर आम बजट बनाया गया है। मोदी ने गांव की पंचायतों को तरजीह देते हुए कहा कि संसद के बराबर ही गांव की संसद (पंचायत) का महत्व है। लेकिन पंचायतों की बैठक में कम उपस्थिति पर प्रधानमंत्री ने चिंता भी जताई।

उन्होंने ग्राम सभा की बैठक में ज्यादा से ज्यादा लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील की। ग्र्राम पंचायत में महिलाओं के 40 फीसद प्रतिनिधित्व के बारे में मोदी ने कहा कि गांवों ने महिलाओं पर भरोसा किया है। भावुक अंदाज में उन्होंने कहा कि वो (महिलाएं) चाह लें तो गांव में किसी महिला को मजबूरी में खुले शौच के लिए नहीं जाना होगा। गांव के स्कूलों में मिड डे मील की निगरानी करें तो कुपोषण की समस्या खत्म हो जाए। गरीब परिवारों की महिलाओं को प्रसव के दौरान मौत से महिला प्रतिनिधि बचा सकती हैं। ऐसे परिवारों को तबाही से बचाया जा सकता है।

गांवों के विकास के लिए अब धन और संसाधनों की कमी नहीं होगी। गांवों के जो कार्य इतने वर्षों में नहीं हो पाए, इस पांच साल में पूरे किए जा सकते हैं। देश के सुदूर गांवों में बैठे पंचायत के लोगों से मोदी ने कहा कि वे अपने गांवों की खुशहाली के लिए सामाजिक कार्य में आगे आएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सामान्य रूप से पंचायत राज दिवस दिल्ली के विज्ञान भवन में मनाया जाता था, जहां कुछ प्रतिनिधि आते थे। इस परंपरा को बदला जा रहा है। बिरसा मुंडा की धरती को सलाम करते हुए मोदी ने कहा कि यहां देशभर से आए लोगों से बात करने का मौका मिल रहा है।

जमशेदपुर में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर से तकरीबन तीन हजार प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। मोदी का भाषण देश की ढाई लाख पंचायतों में लाइव प्रसारित किया गया। इसके साथ ही 14 अप्रैल से शुरू हुए 10 दिवसीय आयोजन का समापन हो गया। इस दौरान पंचायती राज और ग्र्रामीण विकास के विभिन्न मुद्दों को गांव-गांव पहुंचाने का अभियान चलाया गया। मोदी के भाषण से पूर्व पंचायती राज व ग्र्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने अभियान के बारे में विस्तार से जिक्र किया।

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गांवों से फैलाएंगे जनक्रांति का संदेश

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। देश की अलग-अलग पंचायतों से जमशेदपुर में पंचायत प्रतिनिधियों का महाजुटान हुआ। सभी ने पूरी एकाग्रता के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों को सुना। फिर संकल्प लिया कि यहां से अपनी-अपनी पंचायतों में लौटकर गांवों से जनक्रांति का संदेश फैलाएंगे।

मोदी की प्रेरक बातों को सुनकर पंचायत प्रतिनिधियों में नए जोश का संचार हुआ है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश से आए पंचायत प्रतिनिधियों से उनकी मन की बात जानी गई। सभी ने गांवों के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए प्रधानमंत्री की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।

ग्राम पंचायत बचलाख, देवास (मध्य प्रदेश) के प्रतिनिधि लक्ष्मीनारायण गोरा ने कहा कि नरेंद्र मोदी का भाषण शानदार रहा। उन्होंने हमें गांव से जनक्रांति लाने का संदेश दिया है। गांव के विकास की योजना गांव में ही बनेगी तो निश्चित तौर पर देश का विकास होगा। राजगढ़ (मध्य प्रदेश) के सरपंच रामप्रसाद वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गांव और शहर के बीच की दूरी को कम करने की कोशिश की है। उनका यह प्रयास बेहतरीन है। वहीं वाराणसी की जिला पंचायत सदस्य अंजू सिंह ने कहा कि मोदी ने हमें गांव का विकास पूरी ईमानदारी से करने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि पंचायत से ही गांव व शहर के विकास का काम शुरू किया जाए।

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