GST: कंपनियों को पंजीकरण के तीस दिन में जीएसटी अधिकारियों को देना होगा बैंक ब्योरा, वर्ना पंजीकरण होगा निलंबित
जीएसटीएन ने कहा है कि कंपनियों को निलंबन से बचने के लिए जीएसटी पंजीकरण के 30 दिन के भीतर जीएसटी अधिकारियों को वैध बैंक खाते का ब्योरा देना होगा। किसी कंपनी के जीएसटीआर-1 में बाहर से होने वाली आपूर्ति का विवरण होता है। जबकि बिल जमा करने की सुविधा का लाभ जीएसटी के तहत मासिक भुगतान योजना के साथ तिमाही रिटर्न का विकल्प चुनने वाली कंपनियां उठा सकती हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने कहा है कि कंपनियों को निलंबन से बचने के लिए जीएसटी पंजीकरण के 30 दिन के भीतर जीएसटी अधिकारियों को वैध बैंक खाते का ब्योरा देना होगा।
दरअसल, किसी कंपनी के जीएसटीआर-1 में बाहर से होने वाली आपूर्ति का विवरण होता है। जबकि बिल जमा करने की सुविधा का लाभ जीएसटी के तहत मासिक भुगतान योजना के साथ तिमाही रिटर्न का विकल्प चुनने वाली कंपनियां उठा सकती हैं।
कंपनियां बैंक खाते का विवरण तुरंत उपलब्ध कराएं
इस संबंध में जारी परामर्श में कहा गया है, 'इसीलिए करदाताओं को सलाह दी जाती है कि कंपनियां कारोबारी गतिविधियों में व्यवधान और उसके बाद जीएसटीएन के निलंबन से बचने के लिए यदि 30 दिन की अवधि जल्द ही समाप्त होने वाली है, तो अपने बैंक खाते का विवरण तुरंत उपलब्ध कराएं।'एक नई व्यवस्था बनाई जा रही है- जीएसटीएन
जीएसटीएन ने कहा कि एक नई व्यवस्था बनाई जा रही है। इसके तहत जिन करदाताओं का पंजीकरण बैंक खाते का विवरण जमा नहीं करने के कारण निलंबित कर दिया गया है, उन्हें फॉर्म आरईजी-31 के माध्यम से सूचित किया जाएगा। ऐसी कंपनियों को आगे कोई भी जीएसटीआर-1/आइएफएफ दाखिल करने से भी वंचित कर दिया जाएगा। यदि करदाता फार्म आरईजी-31 में सूचना के जवाब में अपने बैंक खाते का विवरण अपडेट करते हैं तो निलंबन स्वत: रद्द हो जाएगा।जीएसटी परिषद ने जुलाई में फैसला किया था
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने जुलाई में फैसला किया था कि जो कंपनी वैध बैंक खाते का ब्योरा नहीं देंगी, उन्हें जीएसटीआर-1 दाखिल करने या बिल जमा करने की सुविधा का उपयोग करने से रोक दिया जाएगा।ये भी पढ़ें: पीएम मोदी ने 22 जनवरी को रामकाज और 23 को गरीब काज किया, शाह बोले- कर्पूरी की सोच को प्रधानमंत्री ने विस्तार दिया