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Parliament Monsoon Session: अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस ने जारी किया व्हिप, सांसदों की बुलाई बैठक

Parliament Monsoon Session विपक्षी दल बुधवार को लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगा। इससे पहले कांग्रेस ने बुधवार को सुबह 10.30 बजे पार्टी के संसदीय कार्यालय में अपने लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई। बता दें कि विपक्षी दलों ने आज लोकसभा में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 26 Jul 2023 09:08 AM (IST)
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कांग्रेस ने आज अपने लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एएनआई। विपक्षी दल बुधवार को लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगा। इससे पहले कांग्रेस ने बुधवार को सुबह 10.30 बजे पार्टी के संसदीय कार्यालय में अपने लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई।

कांग्रेस ने जारी किया व्हिप

कांग्रेस ने अपने लोकसभा सांसदों को आज संसद में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप भी जारी किया है। बता दें कि विपक्षी दलों ने आज लोकसभा में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।

सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को बताया कि विपक्षी दल कल (बुधवार) सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। मालूम हो कि मणिपुर मुद्दे को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा

आज यह निर्णय लिया गया है कि हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव का सहारा लेने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार मणिपुर पर प्रधानमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा करने की विपक्ष की मांग को स्वीकार नहीं कर रही है। उन्हें मणिपुर हिंसा पर बयान देना चाहिए, क्योंकि वह संसद में हमारे नेता हैं।

मणिपुर मुद्दे पर अपनी मांग पर अड़ा विपक्ष

बता दें कि दोनों सदनों में विपक्ष मणिपुर की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है। साथ ही विपक्ष की मांग है कि मणिपुर मुद्दें पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद बयान दें। विपक्ष की मांग पर लोकसभा और राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा देखा गया है और बार-बार स्थगित करना पड़ा।

मणिपुर पर सरकार चर्चा को तैयार

इधर सरकार का कहना है कि वह मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्षी दल एक नियम के तहत चर्चा के लिए दबाव डाल रहे हैं, जिसमें मतदान भी शामिल है।