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ईडी का छापा बदले और निम्न स्तर की राजनीति, अमृतकाल नहीं देश में अघोषित आपातकाल: कांग्रेस

एआइसीसी महाधिवेशन से पहले छत्तीसगढ कांग्रेस नेताओं पर छापे पर भड़की कांग्रेस ने कहा धमकी की राजनीति से डरने वाले नहीं डटकर करेंगे मुकाबला। खरगे ने छापे की निंदा की तो जयराम ने कहा लोकतंत्र को खत्म करने के लिए ईडी प्रधानमंत्री के हाथ का औजार बनी हुई है।

By Shashank MishraEdited By: Shashank MishraUpdated: Mon, 20 Feb 2023 08:44 PM (IST)
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छत्तीसगढ कांग्रेस नेताओं पर छापे पर भड़की कांग्रेस
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने छत्तीसगढ के अपने नेताओं पर ईडी के छापे की कार्रवाई को प्रतिशोध और उत्पीड़न की निम्न स्तर की राजनीति करार देते हुए कहा है कि विपक्ष को लगातार निशाना बनाने के सरकार के हथकंडों से वह डरने वाली नहीं है। पार्टी ने कहा कि ईडी के जरिए लोकतंत्र को नष्ट किया जा रहा है और देश में यह 'अमृत काल' नहीं बल्कि एक अघोषित आपातकाल है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरने ने छापे की निंदा करते हुए कहा कि नौ साल में ईडी के 95 प्रतिशत छापे विपक्षी नेताओं के खिलाफ हुए हैं। रायपुर में कांग्रेस के महाधिवेशन से पहले हमारे नेताओं पर छापा भाजपा की कायरता को दिखाता है मगर हम इन धमकियों से डरने वाले नहीं हैं।

भाजपा की बेचैनी साफ नजर आ रही: खरगे

ईडी की कार्रवाई पर ट्वीट करते हुए खरगे ने दावा किया कि 'भारत जोड़ो यात्रा' की अपार सफलता से भाजपा की बेचैनी साफ नजर आ रही है। उन्होंने कहा 'मोदी जी में जरा भी ईमानदारी है तो वह अपने 'परम मित्र' के महाघोटालों पर रेड करें। लोकतंत्र को कुचलने के इस प्रयास का हम डटकर सामना करेंगे।

'कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश और मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में ईडी की कार्रवाई को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला।

जयराम ने कहा कि सरकार जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर विपक्ष को निशाना बना रही है और ईडी का नया नाम 'इलिमेनेटिंग डेमेक्रोसी' (लोकतंत्र को खत्म करना) हो गया है। उनके मुताबिक पीएमएलए में 2014 के संशोधन के यह हमारे लोकतंत्र के लिए जहर बन गया है ओर विपक्षी नेताओं पर रोज जिस तरह छापे डाले जा रहे वह सबूत है कि ईडी निष्पक्ष नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के हाथ में प्रतिशोध और उत्पीड़न का हथियार बन गया है।

अमृत काल नहीं, अघोषित आपातकाल: जयराम

कांग्रेस ने अदाणी घोटाले पर हर दिन प्रधानमंत्री से सवाल पूछकर सरकार को हिला दिया है। वह चीन की घुसपैठ व अदाणी मामले पर चुप हैं और जहां ईडी की जांच की जरूरत है वहां ऐसा नहीं कर रहे हैं।

जयराम ने कहा यह अमृत काल नहीं, अघोषित आपातकाल है, मगर हम धमकी की इस राजनीति के बावजूद पीछे हटने वाले नहीं हैं। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।

भाजपा में जाते ही सभी नेता वाशिंग मशीन से धूल जाते हैं: खेड़ा

पवन खेड़ा ने ईडी के छापों का आंकड़ा देते हुए कहा कि यूपीए के दौरान 2004 से 2014 के बीच ईडी ने 112 बार छापे मारे मगर पिछले आठ साल में ईडी ने 3010 छापे मारे हैं जिसमें 95 प्रतिशत छापेमारी विपक्षी नेताओं के खिलाफ हुई है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से 55 घंटे तो सोनिया गांधी से तीन दिनों तक लगातार घंटों ईडी ने पूछताछ की।

2014 से अब तक कांग्रेस नेताओं पर 24 बार, टीएमसी 19, एनसीपी 11, शिवसेना आठ, डीएमके छह, आरजेडी पांच, बीएसपी पांच, टीडीपी पांच, आईएनएलडी तीन, वाईएसआरपी तीन, सीपीएम दो, एनसी दो, पीडीपी दो, एआईएडीएमके एक, एमएनएस एक, एसबीएसबी के नेताओं पर एक बार ईडी की छापे की कार्रवाई हुई है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, शुवेंदु अधिकारी, येदियुरप्पा, रेड्डी बंधु, नारायण राणे, मुकुल राय जैसे नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद इनके खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच को ठंड़े बस्ते में डालने का उदाहरण देते हुए खेड़ा ने कहा कि भाजपा में जाते ही सभी नेता वाशिंग मशीन से धूल जाते हैं।

सरकार के साथ ही ईडी अधिकारियों को चेतावनी देते हुए खेड़ा ने कहा कि सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि कुछ राज्यों में हम भी सत्ता में हैं और हमारी शालीनता को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए।

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