केंद्र सरकार में 30 लाख युवाओं की भर्त्ती, ओपीएस की बहाली, पांच न्याय की गारंटी बनेगी कांग्रेस का चुनावी हथियार
केंद्र सरकार में 30 लाख युवाओं की भर्त्ती करने राष्ट्रीय स्तर पर पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) की बहाली से लेकर किसानों युवाओं महिलाओं और ओबीसी-एसी-एसटी को भागीदारी देने संबंधी पांच न्याय के तहत 25 चुनावी गारंटियों के सहारे कांग्रेस 2024 के चुनाव में भाजपा के भावनात्मक चुनावी दांव को थामने के लिए पूरा जोर लगाएगी। कांग्रेस गारंटियों को लोगों तक पहुंचा कर जन मुद्दों के इर्द-गिर्द बनाने की कोशिश करेगी।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। केंद्र सरकार में 30 लाख युवाओं की भर्त्ती करने, राष्ट्रीय स्तर पर पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) की बहाली से लेकर किसानों, युवाओं, महिलाओं और ओबीसी-एसी-एसटी को भागीदारी देने संबंधी पांच न्याय के तहत 25 चुनावी गारंटियों के सहारे कांग्रेस 2024 के चुनाव में भाजपा के भावनात्मक चुनावी दांव को थामने के लिए पूरा जोर लगाएगी।
विकास के इस वैकल्पिक एजेंडे के साथ अपनी गारंटियों को कांग्रेस घर-घर तक पहुंचा कर चुनावी विमर्श को जन मुद्दों के इर्द-गिर्द फोकस करने की कोशिश करेगी। राजनीतिक न्याय के वादे के तहत पार्टी सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरूपयोग रोकने के लिए विशेष कानून बनाने का वादा करेगी।
चुनाव आयोग, कैग की निष्पक्षता सुनिश्चित करने की गारंटी
वहीं चुनाव आयोग, कैग और सीवीसी जैसे संवैधानिक संस्थाओं की निष्पक्षता सुनिश्चित करने की गारंटी देगी। जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कर विधानसभा चुनाव कराने और लद्दाख को विशेष दर्जा देने का भी कांग्रेस अपने चुनाव घोषणा पत्र में वादा करेगी। कांग्रेस कार्यसमिति की मंगलवार को हुई बैठक में 2024 के आम चुनाव के लिए पार्टी के घोषणा-पत्र से जुड़ी इन गारंटियों-वादों के मसौदे को मंजूरी दे दी गई।खरगे ने संशोधन का विकल्प खुला रखा
साथ ही यह तय किया गया कि आम चुनाव में भाजपा को मजबूत चुनौती देने के लिए जनता सरकारों से जुड़े इन मुद्दों की जितनी अहमियत है उतना ही जरूरी है कि इसे आमलोगों तक पहुंचाए जाएं। इसके मद्देनजर ही पार्टी ने अपनी चुनावी गारंटियों को न्याय पत्र के रूप में घर-घर पहुंचाने की रूपरेखा बनाई है। कार्यसमिति की बैठक में 43 पेज के घोषणापत्र मसौदे को मंजूरी दे दी गई हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसमें संशोधन का विकल्प खुला होने की बात कहते हुए पार्टी नेताओं से कुछ और सुझाव देने का आग्रह किया।
चिदंबरम ने ढाई घंटे तक मसौदे को बैठक में रखा
पार्टी घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने करीब ढाई घंटे तक पार्टी के चुनावी वादों-गारंटियों के मसौदे को बैठक में रखते हुए इसके सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक पहलुओं को भी समझाया। घोषणापत्र को पांच 'न्याय स्तंभों' के आधार पर लोगों को न्याय सुनिश्चित करने पर फोकस रखते हुए कहा गया है कि देश बदलाव चाहता है और वर्तमान भाजपा सरकार की 'गारंटियों' का वही हश्र होगा जो 2004 में 'इंडिया शाइनिंग' नारे का हुआ था।