Farmer Protest: कांग्रेस सरकार ने 2010 में ठुकराई थी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट, अब पीएम मोदी से कर रहे यह मांग
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों को आश्वासन दिया है कि जब केंद्र में उनकी सरकार बनेगी तब एमएसपी की मांग पूरी की जाएगी।2010 में यूपीए की सरकार थी तब स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को खारिज कर दिया गया था। राज्यसभा में कृषि मंत्रालय में तत्कालीन खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के राज्यमंत्री केवी थामस ने कहा था कि इससे एमएसपी एवं उत्पादन लागत के बीच का संतुलन बिगड़ सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आंदोलनकारी किसानों को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आश्वासन दिया है कि जब केंद्र में उनकी सरकार बनेगी तब एमएसपी की मांग पूरी की जाएगी, लेकिन सच यह भी है कि वर्ष 2010 में जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को खारिज कर दिया गया था।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट भी कांग्रेस के कार्यकाल में ही वर्ष 2006-7 में सौंपी थी। वर्ष 2010 में राज्यसभा में भाजपा सांसद प्रकाश जावडेकर के संबंधित एक प्रश्न पर केंद्र सरकार की तरफ से जवाब देते हुए कृषि मंत्रालय में तत्कालीन खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के राज्यमंत्री केवी थामस ने कहा था कि इससे एमएसपी एवं उत्पादन लागत के बीच का संतुलन बिगड़ सकता है।
क्या थी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें?
जावडेकर ने पूछा था कि क्या सरकार ने किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है? इसपर जवाब देते हुए थामस ने कहा था कि आयोग की सिफारिशों को सरकार ने स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने तर्क दिया था कि एमएसपी की सिफारिश कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) के मानकों के साथ जरूरतों के आधार पर विचार करते हुए की जाती है। आयोग ने कृषि लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत की वृद्धि करने का सुझाव दिया है। इससे बाजार की व्यवस्था खराब हो सकती है।कांग्रेस की पीएम मोदी से मांग
कांग्रेस ने एमएसपी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश से माफी मांगने की मांग की है। साथ ही विपक्षी दल ने केंद्र सरकार पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं कर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सत्ता में आने पर विभिन्न फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने के वादे की आलोचनाओं के बीच कहा कि उनकी पार्टी देश के लिए फैसले लेती है, राजनीति के लिए नहीं।
'गरीब किसानों के दुश्मन हैं'
मोदी, प्रचार की मशीनरी और मित्र मीडिया सभी गरीब किसानों के दुश्मन हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं कर रहे हैं और वह बतौर पीएम इसकी सिफारिशों का विरोध कर रहे हैं, जबकि गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने इसकी पैरवी की थी। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को किसानों से झूठ बोलने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।पीएम मोदी एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने से भाग क्यों रहे हैं
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करने के बाद आरटीआइ के जरिये एमएसपी पर पूछे सवाल का जवाब नहीं देने और किसानों को आतंकी और विदेशी एजेंट बुलाने के लिए मोदी को माफी मांगनी होगी। वहीं, जयराम रमेश ने पूछा कि पीएम मोदी एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने से भाग क्यों रहे हैं? उन्होंने दावा किया कि किसानों का भरोसा मोदी सरकार से हट गया है।
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