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हामिद अंसारी को लेकर ऐसा क्या बोले पीएम मोदी? भड़क उठी कांग्रेस, तुरंत कर दी ये बड़ी मांग

2014 में तत्कालीन राज्यसभा सभापति से जुड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर सियासी बवाल मचना शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पीएम की टिप्पणी पर आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे कार्यवाही से हटाने की मांग की। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टिप्पणी करते वक्त किसी का नाम नहीं लिया था। मगर कांग्रेस ने कहा कि पीएम ने सभी संसदीय मानदंडों को तोड़ दिया है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sat, 06 Jul 2024 07:13 PM (IST)
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हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तत्कालीन राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी पर यह आरोप लगाकर सभी संसदीय मानदंड तोड़ दिए हैं कि 2014 में जब भाजपा सत्ता में आई थी तो उनका झुकाव विपक्ष की तरफ था।

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लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में दो जुलाई को प्रधानमंत्री ने कहा था, 'भले ही वे कितनी भी संख्या का दावा करें, 2014 में जब हम सत्ता में आए थे तो राज्यसभा में हमारी संख्या काफी कम थी और सभापति का झुकाव कुछ हद तक दूसरी तरफ था, लेकिन हम गर्व के साथ देश की सेवा करने के अपने संकल्प से डिगे नहीं।'

पीएम ने किसी का नहीं लिया नाम

पीएम मोदी कहना था, 'मैं देश के लोगों को बताना चाहता हूं कि आपने जो निर्णय लिया है, आपने सेवा करने का हमें जो आदेश दिया है, न तो मोदी और न ही यह सरकार ऐसी किसी बाधा से भयभीत होगी। हम उन संकल्पों को पूरा करेंगे जो हमने निर्धारित किए हैं।' हालांकि मोदी ने किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी अगस्त, 2012 से अगस्त, 2017 तक राज्यसभा के सभापति थे।

जयराम रमेश ने दी प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री की उक्त टिप्पणी पर कांग्रेस ने पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में कहा, 'एक चीज जो दो जुलाई को लोकसभा में गैर-जैविक प्रधानमंत्री ने कही थी, वह मीडिया की नजरों में आने से बच गई। उन्होंने जो कहा था वह बेहद खराब और अस्वीकार्य था और उसे तुरंत हटा दिया जाना चाहिए था।

अंसारी को पहली बार पीएम ने नहीं बनाया निशाना

रमेश ने कहा, 'यह पहली बार नहीं है जब मोदी ने अंसारी को निशाना बनाया। सात वर्ष पहले अंसारी का कार्यकाल पूरा होने पर अपने विदाई भाषण में उन्होंने अंसारी की शीर्ष राजनयिक नियुक्तियों का जिक्र किया था जो इस्लामी देशों में थीं।' जयराम ने कहा, 'ये देश भारत के हितों के लिहाज से महत्वपूर्ण थे और अंसारी ऑस्ट्रेलिया में उच्चायुक्त एवं न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर काम करने के बाद भारतीय विदेश सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे, जिसकी शरारतन अनदेखी की गई।'

संसदीय मानदंडों को तोड़ा

रमेश ने आरोप लगाया कि किसी भी प्रधानमंत्री ने कभी भी पूर्व स्पीकर या राज्यसभा के पूर्व सभापति पर इस तरह हमला नहीं बोला जिस तरह मोदी ने किया। कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'उन्होंने (मोदी ने) ऐसा करके सभी संसदीय मानदंडों को तोड़ दिया है, ऐसा नहीं है कि उन्होंने उनका बिल्कुल भी सम्मान किया है। अपने नफरती चुनाव अभियान के बाद उन्होंने अपने पद की बची-खुची गरिमा को और कम किया है।'

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