कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को सुप्रीम कोर्ट से राहत, साल 2000 में उपद्रव से जुड़ा है मामला
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को गुरुवार को एक मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट के अमल पर अदालत ने 5 हफ्ते की रोक लगाई है। सुरजेवाला से कोर्ट ने कहा कि वह वारंट रद्द करवाने के लिए एमपी/एमएलए कोर्ट में आवेदन दें। कोर्ट ने साल 2000 में हुए उपद्रव से जुड़े मामले में सुरजेवाला को राहत दी है।
By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Thu, 09 Nov 2023 01:14 PM (IST)
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को गुरुवार को एक मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट के अमल पर शीर्ष अदालत ने 5 हफ्ते की रोक लगाई है। सुरजेवाला से कोर्ट ने कहा कि वह वारंट रद्द करवाने के लिए एमपी/एमएलए कोर्ट में आवेदन दें। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2000 में यूथ कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान हुए उपद्रव से जुड़े मामले में सुरजेवाला को राहत दी है।
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुरजेवाला को पांच सप्ताह के भीतर एनबीडब्ल्यू रद्द करने के लिए विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) वाराणसी की अदालत से संपर्क करने को कहा है। पीठ ने कहा, "याचिकाकर्ता को एनबीडब्ल्यू को रद्द करने के लिए एक आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता दी गई है। इस बीच पांच सप्ताह तक की अवधि के लिए वारंट निष्पादित नहीं किया जाएगा।"
यह भी पढ़ें: 'हेलो! केरल सचिवालय के परिसर में बम है...', Kerala Police Headquarter में मिला धमकी भरा कॉल; फिर हुआ क्या?Supreme Court gives protection for five weeks to National Spokesperson of Congress Randeep Surjewala in a 23-year-old case of violent protest in the divisional commissioner’s court and office compound in Varanasi.
— ANI (@ANI) November 9, 2023
Supreme Court orders that Non-Bailable Warrant (NBW) issued…
क्या है पूरा मामला?
मामला तब सुनवाई के लिए आया जब सुरजेवाला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने सुबह इस मामले का उल्लेख करते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की। उल्लेखनीय है कि साल 2000 में जब सुरजेवाला भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, उस समय वाराणसी में संवासिनी घोटाले में कांग्रेस नेताओं को कथित रूप से गलत फंसाने के विरोध में हंगामा करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
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