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Parliament Special Session: 'ये घबराहट का संकेत...', संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने पर बोले राहुल गांधी

संसद के विशेष सत्र बुलाए जाने पर राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि ये घबराहट का संकेत है। उन्होंने कहा कि पहले घबराहट की वजह से संसद से मेरी सदस्यता रद कर दी गई थी और ये उसी तरह की घबराहट है। बता दें कि सरकार ने सितंबर महीने में संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र का आयोजन 18 सितंबर से 22 सितंबर के बीच होगा।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 31 Aug 2023 07:06 PM (IST)
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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद के विशेष सत्र पर बोला है। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, एएनआई। संसद के विशेष सत्र बुलाए जाने पर राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि ये घबराहट का संकेत है। उन्होंने कहा कि पहले घबराहट की वजह से संसद से मेरी सदस्यता रद कर दी गई थी और ये उसी तरह की घबराहट है।

संसद के विशेष सत्र का आयोजन

बता दें कि सरकार ने सितंबर महीने में संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र का आयोजन 18 सितंबर से 22 सितंबर के बीच होगा, जिसे लेकर राहुल गांधी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया है।

संसद के विशेष सत्र पर क्या बोले राहुल गांधी?

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लिखा,

मुझे लगता है कि शायद यह थोड़ी घबराहट का संकेत है। उसी तरह की घबराहट है, जो तब हुई थी जब मैंने संसद में बोला था, घबराहट की वजह से अचानक उन्हें मेरी संसद सदस्यता रद करनी पड़ी। इसलिए, मुझे लगता है कि यह घबराहट की बात है, क्योंकि ये मामले पीएम के बहुत करीब हैं। जब भी आप अडानी मामले को छूते हैं, तो पीएम बहुत असहज और घबरा जाते हैं।

अडानी मामले में जेपीसी का हो गठनः राहुल गांधी

राहुल गांधी ने अडानी ग्रुप पर OCCRP के आरोपों पर कहा कि यह विषय देश की छवि से जुड़ा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी को इस विषय की जांच करने के लिए एक जेपीसी का गठन करना चाहिए।

विशेष सत्र पर क्या बोले अधीर रंजन?

वहीं, विशेष सत्र के आयोजन पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमें इसके बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सूचना दी जाती है, लेकिन पता नहीं क्या महत्वपूर्ण स्थिति आ गई है, जो विशेष सत्र बुलाया जा रहा है।

अधीर रंजन चौधरी ने मणिपुर और चीन पर चर्चा की मांग को लेकर कहा कि अगर सरकार में हिम्मत है, तो चीन और मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करें। साथ ही हमारी जेपीसी गठन की मांग को स्वीकार करें।