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'चुनाव के मौसम में धोखा देने की कोशिश', जनजातीय योजनाओं को लेकर खरगे का मोदी सरकार पर हमला

Congress President Mallikarjun Kharge कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को देश में आदिवासी कल्याण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर कड़ा हमला बोला। खरगे ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी का आदिवासी कल्याण पर हालिया ध्यान चुनावों के चलते है। साथ ही उन्होंने 2013 की तुलना में आदिवासियों के खिलाफ अपराधों की बढ़ी दर पर भी सवाल उठाया।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Mon, 15 Jan 2024 04:20 PM (IST)
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जनजातीय योजनाओं को लेकर खरगे का मोदी सरकार पर हमला (फाइल फोटो)

एएनआई, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को देश में आदिवासी कल्याण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर कड़ा हमला बोला। खरगे ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी का आदिवासी कल्याण पर हालिया ध्यान चुनावों के चलते है। साथ ही उन्होंने 2013 की तुलना में आदिवासियों के खिलाफ अपराधों की बढ़ी दर पर भी सवाल उठाया।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सवाल पूछा कि आखिर क्यों भाजपा की डबल इंजन सरकारें 'वन अधिकार कानून, 2006' को लागू करने में पूरी तरह विफल रही हैं? उन्होंने संसदीय समिति के हवाले से वन अधिकार अधिनियम, 2006 को लागू करने में भाजपा की 'डबल इंजन सरकार' की विफलता पर भी सवाल उठाया।

खरगे ने केंद्र सरकार से पूछे तीन सवाल

खरगे ने केंद्र सरकार द्वारा आदिवासी समुदायों को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर जवाब देने की मांग करते हुए सरकार से तीन सवाल पूछे हैं। खरगे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "जब चुनाव चल रहा है, तो चुनाव के चलते ही सही पर प्रधानमंत्री जी को आज 10 साल बाद, आदिवासियों और जनजाति कल्याण की याद तो आई है।"

— Mallikarjun Kharge (@kharge) January 15, 2024

आदिवासियों के खिलाफ अपराध में 48.15% की वृद्धि क्यों हुई?

उन्होंने कहा कि हम मोदी सरकार से 3 सवाल पूछना चाहते हैं, "2013 के मुकाबले, आदिवासियों के खिलाफ अपराध में 48.15% की वृद्धि क्यों हुई? (NCRB), क्यों भाजपा की डबल इंजन सरकारें ‘वन अधिकार कीनून, 2006’ को लागू करने में पूरी तरह विफल रही हैं?"

जनजातीय समूहों की योजना के खर्च में लगातार गिरावट क्यों आई?

"इस एवेंट के पहले, मोदी सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय की विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों योजना के खर्च में लगातार गिरावट क्यों आई? यह वर्ष 2018-19 में 250 करोड़ से गिरकर वर्ष 2022-23 में महज 6.48 करोड़ ही रह गई है। ऐसा संसदीय समिति कहती है।"

आदिवासी समाज को ठगने की कोशिश कर रही सरकार

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पुरानी विफल हुई योजना का नाम बदलकर, चुनावी मौसम में आदिवासी समाज को ठगने की कोशिश कर रही है। जल-जंगल-जमीन और आदिवासी सभ्यता का संरक्षण हमारा कर्तव्य है और कांग्रेस पार्टी देश के आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए लड़ती रहेगी।

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