Odisha Train Tragedy: हादसे की रिपोर्ट पर कांग्रेस ने उठाये सवाल, कहा- सुरक्षा के मुद्दों पर किया गया समझौता
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने रिपोर्ट को लेकर केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्री अपने गंतव्य तक सुरक्षित रूप से पहुंचें। हम अपील करना चाहेंगे कि गर्म भोजन और नए वंदे भारत के इस व्यवसाय में न पड़ें। पहले ट्रेन से यात्रा करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
नई दिल्ली, पीटीआई। कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने रेलवे सुरक्षा के बुनियादी मुद्दों पर पूरी तरह से समझौता किया है और दावा किया कि ओडिशा के बालासोर में हाल ही में हुई ट्रेन दुर्घटना मानवीय भूल का नतीजा थी। यह प्रबंधन और राजनीतिक नेतृत्व की विफलता थी। एक उच्च-स्तरीय जांच में बालासोर में तीन ट्रेनों की दुर्घटना का मुख्य कारण गलत सिग्नलिंग पाया गया और सिग्नलिंग और दूरसंचार (एस एंड टी) विभाग में कई स्तरों पर चूक को चिह्नित किया गया।
जयराम रमेश ने रिपोर्ट पर दी प्रतिक्रिया
रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "यह वही है जो हम हमेशा से कहते रहे हैं। वंदे भारत ट्रेनों का उद्घाट्न करने, बुलेट ट्रेनों पर ध्यान केंद्रित करने और विशेष कैडरों के साथ छेड़छाड़ करने की सनक में, मोदी सरकार ने बुनियादी बातों से पूरी तरह समझौता कर लिया है।"
वहीं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में, पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी रिपोर्ट को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्री अपने गंतव्य तक सुरक्षित रूप से पहुंचें। "हम अपील करना चाहेंगे कि गर्म भोजन और नए वंदे भारत के इस व्यवसाय में न पड़ें। पहले ट्रेन से यात्रा करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि लोग सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंचें।
सिग्नलिंग कार्य में थी खामियां
कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने रिपोर्ट को लेकर सरकार की आलोचना की और आश्चर्य जताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव अब भी अपने पद पर कैसे बने रह सकते हैं, जबकि उनकी "निष्क्रियता ने सैकड़ों यात्रियों की जान ले ली, जिनका मानना था कि वे घर पहुंचने से पहले नहीं मरेंगे"। रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) द्वारा रेलवे बोर्ड को सौंपी गई स्वतंत्र जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सिग्नलिंग कार्य में खामियां थी जिसे ठीक किया जा सकता था।
रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया कि बहनागा बाजार स्टेशन पर लेवल-क्रॉसिंग गेट नंबर 94 पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर को बदलने के कार्यों के लिए सर्किट आरेख की गैर-आपूर्ति एक गलत कदम था जिसके कारण गलत वायरिंग हुई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि गलत वायरिंग और केबल की खराबी के कारण 16 मई, 2022 को दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के बांकरनयाबाज स्टेशन पर भी ऐसी ही घटना हुई थी।
शालीमार से चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक स्थिर मालगाड़ी से जुड़ी बालासोर दुर्घटना 2 जून को बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास हुई, जिसमें 292 लोग मारे गए और 1,000 से अधिक घायल हो गए।