CAA लागू होने पर क्या बोले ओवैसी, कांग्रेस ने टाइमिंग पर उठाया सवाल; दिग्विजय ने अलापा अलग राग
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आज यानी सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नियमों की अधिसूचना जारी कर दी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज शाम सीएए के नियमों को लेकर अधिसूचना जारी की। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले सीएए नियमों की अधिसूचना जारी करना मोदी सरकार का बड़ा फैसला माना जा रहा है। उधर विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार पर पलटवार किया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आज यानी सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नियमों की अधिसूचना जारी कर दी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज शाम सीएए के नियमों को लेकर अधिसूचना जारी की।
लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले सीएए नियमों की अधिसूचना जारी करना मोदी सरकार का बड़ा फैसला माना जा रहा है। इस बीच विपक्षी नेताओं ने भाजपा और मोदी सरकार पर पलटवार किया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जब देश के नागरिक रोजा-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता कानून’ लाने से क्या होगा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की- शाह
गृह मंत्री अमिस शाह ने एक्स पर कहा कि मोदी सरकार ने आज नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को अधिसूचित कर दिया। ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे।
The Modi government today notified the Citizenship (Amendment) Rules, 2024.
These rules will now enable minorities persecuted on religious grounds in Pakistan, Bangladesh and Afghanistan to acquire citizenship in our nation.
With this notification PM Shri @narendramodi Ji has…
शाह ने आगे कहा, "इस अधिसूचना के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और उन देशों में रहने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए हमारे संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है।"
विपक्षी नेताओं का सरकार पर वार
कांग्रेस का कहना है कि दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। वहीं, सांसद औवैसी ने भी मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि भाजपा का एकमात्र उद्देश्य हर मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम बनाना होता है।
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कांग्रेस ने मोदी सरकार की टाइमिंग पर उठाया सवाल
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए।
प्रधानमंत्री के सफेद झूठ की एक और झलक- कांग्रेस
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीके से काम करती है। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफेद झूठ की एक और झलक है।"
दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीक़े से काम करती है। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना…— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 11, 2024
जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा, "नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है। ऐसा स्पष्ट रूप से चुनाव को ध्रुवीकृत करने के लिए किया गया है, विशेष रूप से असम और बंगाल में। यह इलेक्टोरल बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख़्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी प्रतीत होता है।"
भाजपा का एकमात्र उद्देश्य हर मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम बनाना
उधर कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह इस मुद्दे पर कहा, "इतनी देरी क्यों हुई? अगर देरी करनी ही थी तो चुनाव के बाद इसे क्यों लागू नहीं किया गया? भाजपा का एकमात्र उद्देश्य हर मुद्दे को हिंदू और मुस्लिम बनाना होता है।"
'जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है'
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। भाजपा सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़ कर क्यों चले गये। चाहे कुछ हो जाए कल ‘इलेक्टोरल बांड’ का हिसाब तो देना ही पड़ेगा और फिर ‘केयर फंड’ का भी।"
हम लोकसभा चुनाव से पहले अशांति नहीं चाहते- ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लोगों के साथ भेदभाव करता है तो वह इसका विरोध करेंगी। उन्होंने कहा , "सीएए, एनआरसी बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए संवेदनशील है। साथ ही ममता ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले हम अशांति नहीं चाहते।"
सीएए को केरल में लागू नहीं किया जाएगा- विजयन
उधर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सीएए को सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी कानून बताया और कहा कि इसे केरल में लागू नहीं किया जाएगा।
सीएम योगी ने अधिनियम लागू करने को ऐतिहासिक बताया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर मोदी सरकार के इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "पीड़ित मानवता के कल्याणार्थ नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू करने का निर्णय ऐतिहासिक है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में मजहबी बर्बरता से पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के सम्मानजनक जीवन का मार्ग प्रशस्त हुआ है।"
पीड़ित मानवता के कल्याणार्थ नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू करने का निर्णय ऐतिहासिक है।
इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में मजहबी बर्बरता से पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के सम्मानजनक जीवन का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
मनुष्यता को आह्लादित करने वाले इस मानवीय निर्णय हेतु आदरणीय…— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) March 11, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार
सीएम योगी ने कहा, "मनुष्यता को आह्लादित करने वाले इस मानवीय निर्णय हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार एवं माननीय गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद। इस अधिनियम के अंतर्गत भारत की नागरिकता प्राप्त करने जा रहे सभी भाइयों-बहनों का हार्दिक अभिनन्दन।"
पहले चुनावी मौसम, फिर सीएए के नियम आएंगे- औवैसी
हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव के समय सीएए के नियमों को लेकर सवाल उठाया, औवैसी ने कहा, "आप क्रोनोलॉजी समझिए, पहले चुनाव का मौसम आएगा, फिर सीएए के नियम आएंगे। सीएए पर हमारी आपत्तियां जस की तस हैं। सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता था।"
औवैसी ने बताया सीएए का उद्देश्य
उन्होंने कहा, "सताए गए किसी भी व्यक्ति को शरण दें लेकिन नागरिकता धर्म या राष्ट्रीयता पर आधारित नहीं होनी चाहिए। सरकार को बताना चाहिए कि उसने इन नियमों को पांच साल तक क्यों लंबित रखा और अब इसे क्यों लागू कर रही है। एनपीआर-एनआरसी के साथ, सीएए का उद्देश्य केवल मुसलमानों को लक्षित करना है, इसका कोई अन्य उद्देश्य नहीं है।"
विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं
ओवैसी ने आगे कहा, "सीएए एनपीआर-एनआरसी का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे भारतीयों के पास फिर से इसका विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।"