कौन बनेगा लोकसभा स्पीकर? आमसहमति न बनने पर विपक्ष अध्यक्ष पद के लिए उतारेगा उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव के बाद संसद का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा जो तीन जुलाई तक चलेगा। इस दौरान 26 जून को नई लोकसभा के अध्यक्ष का भी चयन होना है। वैसे तो पिछले दो बार से बगैर किसी टकराव के लोकसभा अध्यक्ष का चयन होता आया है लेकिन इस बार चुनाव में मजबूत होकर उभरे विपक्ष ने लोकसभा उपाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी शुरू कर दी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बाद संसद का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा, जो तीन जुलाई तक चलेगा। इस दौरान 26 जून को नई लोकसभा के अध्यक्ष का भी चयन होना है। वैसे तो पिछले दो बार से बगैर किसी टकराव के लोकसभा अध्यक्ष का चयन होता आया है, लेकिन इस बार चुनाव में मजबूत होकर उभरे विपक्ष ने लोकसभा उपाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी शुरू कर दी है।
फिलहाल जो संकेत मिल रहे हैं, उसमें विपक्ष सहमति के आधार पर लोकसभा उपाध्यक्ष पद की मांग रखेगा लेकिन यदि सहमति नहीं बनी तो वह लोकसभा अध्यक्ष के लिए भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतार सकता है।
आम तौर पर उपाध्याक्ष विपक्ष से होने की परंपरा रही है
इस बीच लोकसभा में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने अपने सहयोगी दलों के साथ उपाध्यक्ष पद को लेकर चर्चा शुरू करेगा। आम तौर पर यह परंपरा रही है की उपाध्याक्ष विपक्ष से होता है। लोकसभा में इस बार स्थिति काफी बदली हुई होगी। दस साल बाद विपक्ष का कोई नेता सदन में होगा। साथ ही विपक्ष की संख्या भी अच्छी रहेगी। ऐसे में वह हर मौके को भुनाने की पूरी कोशिश करेगा। लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन को इस बार 233 सीटें मिली है। इनमें अकेले कांग्रेस की करीब 99 सीटें है।2019 में खाली था लोकसभा उपाध्यक्ष का पद
2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद 16वीं लोकसभा में डिप्टी स्पीकर पद भाजपा की अगुवाई वाले राजग ने अन्नाद्रमुक को दिया गया था। जिसकी ओर से एम थंबीदुरई डिप्टी स्पीकर बनाए गए थे। वहीं 2019 में 17वीं लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का चुनाव ही नहीं किया गया। यह पद पूरे समय खाली ही रहा।ये भी पढ़ें: Semiconductor: सेमीकंडक्टर वाले बयान पर कुमारस्वामी ने मारी पलटी, बोले- भविष्य में रहना होगा सतर्क