महंगाई, पेपर लीक सहित कई मुद्दों पर लीपापोती की कोशिश...; कांग्रेस ने राष्ट्रपति अभिभाषण में लगाया झूठ परोसने का आरोप
कांग्रेस ने कहा कि नीट घोटाले पर लीपा पोती नहीं चलेगी। पिछले पांच सालों में NTA द्वारा कराए गए 66 भर्ती परीक्षाओं में 12 में पेपर लीक-धांधली हुई है इससे 75 लाख से अधिक युवा प्रभावित हुए हैं। दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए अभिभाषण में जिक्र कर सरकार अपनी जवाबदेही से भाग नहीं सकती। युवा न्याय मांग रहे हैं और शिक्षा मंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रपति अभिभाषण में सरकार की ओर से झूठ परोसने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा है कि देश के ज्वलंत मुद्दों बेरोजगारी, पेपर लीक, महंगाई, मणिपुर हिंसा से लेकर जम्मू-कश्मीर में बढ़े आतंकवादी हमले का इसमें कोई चर्चा की गई है। अभिभाषण में बहुमत हासिल कर सरकार बनाने के उल्लेख को भी कांग्रेस ने तथ्य पर पर्दा डालने का प्रयास करार देते हुए कहा है कि यह मिली जुली सरकार है जिसमें भाजपा के पास सिर्फ 240 सीटें हैं और ऐसे में यह दावा गलत है।
संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति अभिभाषण पर कांग्रेस की ओर से शुरूआती प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बयान जारी करते हुए कहा कि जनादेश मोदी सरकार के खिलाफ था क्योंकि जनता ने उनके '400 पार' नारे को ठुकराया और भाजपा को 272 के बहुमत के आंकड़ो से दूर रखा है। इस हकीकत को मोदी स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं और ऐसा बरताव कर रहें हैं जैसे कुछ बदला ही नहीं, बल्कि सच्चाई है कि देश की जनता ने बदलाव मांगा था।
नीट घोटाले पर लीपा पोती नहीं चलेगी
खरगे ने कहा कि नीट घोटाले पर लीपा पोती नहीं चलेगी। पिछले पांच वर्षों में एनटीए द्वारा कराए गए 66 भर्ती परीक्षाओं में कम से कम 12 में पेपर लीक और धांधली हुई है, जिससे 75 लाख से अधिक युवा प्रभावित हुए हैं। 'दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए' का अभिभाषण में जिक्र कर सरकार अपनी जवाबदेही से भाग नहीं सकती। युवा न्याय मांग रहे हैं और शिक्षा मंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी।देश का हर दूसरा युवा बेरोजगार- खरगे
खरगे ने कहा कि देश का हर दूसरा युवा बेरोजगार है और भाषण में इसे दूर करने की कोई ठोस नीति सामने नहीं आई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पूरे अभिभाषण में कमरतोड़ महंगाई की कोई चर्चा नहीं है। जबकि रोजमर्रा की खान-पान की चीजों के दाम दिन-दोगुनी, रात-चौगनी बढ़ गए हैं। मणिपुर हिंसा पिछले 13 महीनों से जारी है जिसमें 221 लोगों की जान गई है और 50,000 लोग बेघर हैं पर शांति की कोई ठोस पहल नहीं हुई है।
ट्रेनों में यात्रियों की दुर्दशा का कोई जिक्र नहीं किया
अभिभाषण में इसके हल की कोई बात नहीं की गई है। वहीं भीषण रेल दुर्घटना व ट्रेनों में यात्रियों की दुर्दशा का भी कोई जिक्र नहीं किया है। बालासोर रेल त्रासदी के बाद भी सरकार ने सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं लिया और एनसीआरबी के मुताबिक 2017-2021 के बीच ट्रेन हादसों से संबंधित 100,000 से अधिक मौतें हुईं।