महिला आरक्षण बिल को लेकर केंद्र के खिलाफ कांग्रेस ने खोला मोर्चा, 21 शहरों में पार्टी करेगी प्रेस कॉन्फ्रेंस
कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा और राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक को लेकर केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का पूरा समर्थन किया लेकिन अब वह बिल को लेकर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल रही है। दरअसल कांग्रेस का कहना है कि वह केंद्र सरकार के विश्वासघात को उजागर करेगी जिसके लिए 21 शहरों में पार्टी की 21 महिला नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Mon, 25 Sep 2023 11:19 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ही महिला आरक्षण विधेयक को बहुमत के साथ पारित कर दिया गया है। इस विधेयक को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां मोदी के समर्थन में खड़ी हो गई थी।
हालांकि, इसी बीच महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू करने की वकालत करते हुए, कांग्रेस ने केंद्र में मोदी सरकार के विश्वासघात को उजागर करने के लिए 21 शहरों में 21 प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली है।
21 महिलाएं, 21 शहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य पवन खेड़ा ने कहा, "इक्कीस शहर। इक्कीस महिला नेता। एक एजेंडा - महिला आरक्षण के नाम पर मोदी सरकार द्वारा किए गए विश्वासघात को उजागर करना।"21 Cities.
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) September 24, 2023
21 Women leaders.
1 Agenda - to expose the treachery by the Modi govt in the name of #WomenReservation. pic.twitter.com/NpEoMnRvtz
दरअसल, कांग्रेस महिला आरक्षण विधेयक को बिना देरी किए तत्काल प्रभाव से इस विधेयक को लागू करने की मांग कर रही है।
कल लागू किया जा सकता है विधेयक
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा की 33 प्रतिशत सीटें आवंटित करके महिला आरक्षण विधेयक कल लागू किया जा सकता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा, "महिला आरक्षण और दशकीय जनगणना या परिसीमन के बीच कोई संबंध नहीं है।"उन्होंने कहा, "हम इस बात महसूस करते हैं कि भारतीय महिलाएं राजनीतिक व्यवस्था में उस तरह से भाग नहीं ले रही हैं, जिस तरह से उन्हें लेना चाहिए। उन्हें राजनीति में भाग लेने में मदद करने का सबसे बड़ा कार्य कांग्रेस पार्टी द्वारा किया गया था, जिसमें पंचायती राज में महिलाओं को 33% आरक्षण दिया गया था।
उन्होंने कहा, "कृपया यह भी महसूस करें कि जब हम पंचायती राज में महिला आरक्षण को पारित करने की कोशिश कर रहे थे और आरएसएस महिलाओं को अपने रैंकों में अनुमति नहीं देता है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि महिला सशक्तिकरण में किसकी रुचि है।"यह भी पढ़ें: AIMIM प्रमुख ओवैसी ने बताया महिला आरक्षण बिल के विरोध का कारण, बोले- कांग्रेस और पूरे विपक्ष का असल चेहरा दिखा