सीजेआइ दीपक मिश्रा पर महाभियोग के खिलाफ संविधान विशेषज्ञ
दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के महाभियोग का नोटिस देने का संविधान विशेषज्ञों ने विरोध किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के महाभियोग का नोटिस देने का संविधान विशेषज्ञों ने विरोध किया है। उनका मानना है कि यह प्रस्ताव संसद में नहीं टिकेगा। उनका यह भी कहना है कि महाभियोग प्रस्ताव का कारण पद का दुरुपयोग और दुर्व्यवहार नहीं बल्कि यह पूरी तरह से राजनीतिक है।
सीबीआइ जज जस्टिस लोया की मौत पर फैसला आने के अगले ही दिन उठाए गए इस कदम को प्रख्यात न्यायाविदों सोली सोराबजी, हाईकोर्ट के पूर्व जज एसएन ढींगरा, अजित कुमार सिन्हा और वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने राजनीति से प्रेरित माना है।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान अटर्नी जनरल रहे सोली सोराबजी ने विपक्षी दलों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि न्यायापालिका की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाने के लिए यह सबसे घातक कदम है। आज के कदम से लोगों का विश्वास और आस्था न्यायपालिका से डिगने लगेगी। सोराबजी ने एक टीवी चैनल को बताया कि सीजेआइ के खिलाफ महाभियोग का कोई आधार नहीं है।
सोराबजी के विचारों से सहमति जताते हुए जस्टिस ढींगरा ने कहा कि यह राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया गया है। विगत 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों-जे चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, एमबी लोकुर और कुरियन जोसेफ की प्रेस कांफ्रेंस में उठाए गए मुद्दे ही महाभियोग के नोटिस में भी झलक रहे हैं। जजों के बीच मतभेद इस कदम को उचित नहीं ठहरा सकता है।
इसी तरह जस्टिस सिन्हा और वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा है कि न्यायापालिका के लिए यह दुखद दिन है। यह जज लोया के मौत मामले पर फैसले की अगले दिन की प्रतिक्रिया भर है।