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ट्रेनों की सफाई के लिए लंबी अवधि के लिए होगा ठेका, 62 ट्रेनों में नई व्यवस्था को लागू करने का दिया निर्देश

62 ट्रेनों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देशः बोर्ड ने महाप्रबंधकों को नया पत्र जारी कर पिछले आदेश पर अमल नहीं करने को कहा है। पत्र के अनुसार दिल्ली से चलने वाली 245 में से 182 ट्रेनों में अभी यह बदलाव लागू नहीं होगा।

By Jagran NewsEdited By: Babli KumariUpdated: Thu, 15 Jun 2023 08:17 AM (IST)
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ट्रेनों की सफाई के लिए लंबी अवधि के लिए होगा ठेका (फाइल फोटो)
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों की सफाई को लेकर दिए गए अपने तीन माह के आदेश को वापस ले लिया है। अब ट्रेनों की सफाई के लिए दिए जाने वाले ठेकों की अवधि फिर से एक, दो साल अथवा इससे अधिक होगी।

मार्च में हुए आदेश के अनुसार रेलवे ने सफाई का काम छह माह से कम समय के लिए देने का निर्णय किया गया था। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि कम समय का ठेका मिलने पर ठेकेदार बेहतर ढंग से काम करेंगे। हालांकि गंदगी की शिकायतें बरकरार रहीं और लगातार ठेका देने की कागजी कार्रवाई बढ़ गई।

यात्रा के दौरान कोच की सफाई बड़ी समस्या

रेलवे यात्रा के दौरान कोच की सफाई बड़ी समस्या है। वातानुकूलित कोच में गंदे कंबल व चादर की शिकायत भी आम है। जनवरी में बदबूदार कंबल के कारण कृषक एक्सप्रेस में कई यात्री बीमार हो गए थे। समस्या हल करने के दावे तो किए जाते रहे हैं, लेकिन मदद एप पर इससे संबंधित शिकायतों की संख्या सबसे ज्यादा होती है।

मार्च में रेलवे बोर्ड ने पत्र जारी कर भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) व क्षेत्रीय रेलवे के महाप्रबंधकों को आन बोर्ड हाउस कीपिंग (ओबीएचएस) और चादर-कंबल की धुलाई व वितरण का ठेका छह माह से कम समय समय के लिए देने को कहा था।

ट्रेनों में साफ-सफाई की समस्या दूर होने की उम्मीद

दिल्ली से चलने वाली 245 ट्रेनों में इसे लागू किया जाना था। उस समय अधिकारियों का कहना था कि लंबी अवधि के लिए अनुबंध होने के कारण इस तरह की शिकायत आती थी। कम अवधि के लिए अनुबंध होने पर ठेकेदार फिर से इसे प्राप्त करने के लिए ज्यादा सतर्क होकर काम करते और ट्रेनों में साफ-सफाई की समस्या दूर होने की उम्मीद थी। हालांकि ऐसा हुआ नहीं। उल्टा अधिकारियों का अब कहना है कि बार-बार ठेका होने के चलते अधिकारियों की कागजी कार्रवाई बढ़ गई और दिक्कतें होने लगीं। ऐसे में अब दोबारा पुराने नियमों को ही लागू कर दिया गया है।

62 ट्रेनों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश

बोर्ड ने महाप्रबंधकों को नया पत्र जारी कर पिछले आदेश पर अमल नहीं करने को कहा है। पत्र के अनुसार दिल्ली से चलने वाली 245 में से 182 ट्रेनों में अभी यह बदलाव लागू नहीं होगा। शेष 62 ट्रेनों में नवंबर तक के लिए नई व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। इनमें राजधानी, शताब्दी, दुरंतो जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनें शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि नवंबर के बाद बाकी बचीं ट्रेनों के बारे में फैसला लिया जाएगा।

17 प्रतिशत शिकायत कोच सफाई की

उत्तर रेलवे में रेल मदद एप पर होने वाली कुल शिकायतों में लगभग 17 प्रतिशत कोच की सफाई को लेकर आती है। गंदे बेड रोल को लेकर शिकायतें भी पांच प्रतिशत से ज्यादा शिकायतें मिलती हैं।

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