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राहुल गांधी के दावे के विपरीत मोदी सरकार के दौरान पूर्वोत्तर में विकास परियोजनाओं को लगे पंख, गृहमंत्रालय ने दिये कई आंकड़े

Infrastructure in North-East गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आंकड़ों के आधार पर दावा किया कि पूर्वोत्तर भारत के राज्य पहली बार शांति और विकास के रास्ते पर तेजी से अग्रसर है। यहां तक सड़क रेल और वायु सेवा की बढ़ती सुविधाओं के कारण पहली बार पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के कृषि उत्पाद विदेशी बाजारों तक पहुंच रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Updated: Tue, 23 Jan 2024 09:31 PM (IST)
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भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो)
नीलू रंजन, नई दिल्ली। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भले ही पूर्वोत्तर भारत में आधारभूत ढांचे की कमी के कारण कृषि उत्पादों के निर्यात नहीं होने का आरोप लगाया हो, लेकिन हकीकत यह है कि मोदी सरकार के आने के बाद पूर्वोत्तर भारत में विकास परियोजनाओं के पंख लगे हैं।

गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आंकड़ों के आधार पर दावा किया कि पूर्वोत्तर भारत के राज्य पहली बार शांति और विकास के रास्ते पर तेजी से अग्रसर है। यहां तक सड़क, रेल और वायु सेवा की बढ़ती सुविधाओं के कारण पहली बार पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के कृषि उत्पाद विदेशी बाजारों तक पहुंच रहे हैं।

दरअसल भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने मेघालय में रैली को संबोधित करते हुए वहां के उत्कृष्ट अनानास के अंतरराष्ट्रीय बाजार तक नहीं पहुंचने और इसके कारण किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलने का आरोप लगाया था।

'विभिन्न विकास परियोजनाओं की है लंबी फेहरिस्त' 

राहुल गांधी का कहना था कि आधारभूत संरचना नहीं होने के कारण उनके अनानास विदेशी बाजार तक नहीं पहुंच रहे हैं। राहुल गांधी के दावे को आधारहीन बताते हुए गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले नौ सालों में पूर्वोत्तर भारत में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण सहित विभिन्न विकास परियोजनाओं की लंबी फेहरिस्त है। उनके अनुसार मोदी सरकार के आने के बाद पूर्वोत्तर भारत में विकास के लिए विशेष जोर दिया गया है और इसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं।

10 सालों के भीतर पूर्वोत्तर भारत में बने आठ नए हवाई अड्डे 

गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पिछले 10 सालों के भीतर पूर्वोत्तर भारत में आठ नए हवाई अड्डे बने हैं। अकेले रेलवे द्वारा 2014-15 से 2022-23 के बीच 81,941 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इसी तरह सड़क निर्माण पर 48,575 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं। इसके अलावा भारतमाला परियोजना के तहत 5,196 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें 514 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है। उनके अनुसार पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बने विशेष डोनर मंत्रालय का बजट 2014-15 में केवल 2333 करोड़ रुपये था, जो 2022-23 में 153 फीसद बढ़ोतरी के साथ 5892 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि व अन्य क्षेत्रों से जुड़े दर्जनों परियोजनाओं को पूर्वोत्तर के राज्यों में काम चल रहा है और इनमें कई पूरे हो चुके हैं।

आत्मसमर्ण के कारण शांति के नए युग की हुई शुरूआत 

इसी तरह से पिछले चार सालों में विभिन्न उग्रवादी गुटों के शांत समझौते और उनके हथियाबंद कैडर के आत्मसमर्ण के कारण शांति के नए युग की शुरूआत हुई है और इसे हिंसा जुड़े विभिन्न मापदंडों पर आसानी से देखा जा सकता है।

गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2017 तक पूर्वोत्तर भारत से कृषि उत्पादों का निर्यात बिलकुल नहीं होता था। 2018 के बाद यह शुरू हुआ और 2021-22 से इसमें काफी तेजी आई है। उन्होंने कहा कि अनानास को ही लें, तो इस समय मेघालय, मणिपुर और त्रिपुरा से यूएई, अमेरिका और बेल्जियम के साथ ही कई देशों में निर्यात हो रहा है और सिर्फ मेघालय से पिछले से 1.3 टन अनानास का निर्यात किया गया था।

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