New Criminal laws: नए आपराधिक कानून क्रियान्वयन के मुद्दों से निपटने के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित, कानूनी विशेषज्ञ करेंगे मदद
देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों तथा न्यायिक अधिकारियों के मुद्दों को हल करने के लिए पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) के मुख्यालय में एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। बीपीआरडी पर देश में बेहतर पुलिस व्यवस्था के लिए नीतियां बनाने का जिम्मा है। यह गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है।
पीटीआई, नई दिल्ली। देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों तथा न्यायिक अधिकारियों के मुद्दों को हल करने के लिए पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) के मुख्यालय में एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
बीपीआरडी पर देश में बेहतर पुलिस व्यवस्था के लिए नीतियां बनाने का जिम्मा है। यह गृह मंत्रालय (एमएचए) के अधीन काम करता है। बीपीआरडी को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) की तैयारी और क्रियान्वयन के लिए नोडल विभाग बनाया गया है।
केंद्रीय नियंत्रण कक्ष काफी समय से क्रियाशील
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीपीआरडी में केंद्रीय नियंत्रण कक्ष काफी समय से क्रियाशील है और यह तीनों आपराधिक कानूनों को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने के लिए विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों को मार्गदर्शन दे रहा है।
नियंत्रण कक्ष में तकनीकी और कानूनी विशेषज्ञ मौजूद
उन्होंने बताया कि नियंत्रण कक्ष में बीपीआरडी, पुलिस और कानूनी संस्थाओं के तकनीकी और कानूनी विशेषज्ञ मौजूद हैं, यहां तक कि गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री भी इस नियंत्रण कक्ष में समीक्षा कर रहे हैं।