US Abortion Pills: मिफेप्रिस्टोन टैबलेट को लेकर अमेरिका में विवाद, जानें कितनी खतरनाक है ये दवा?
टेक्सस में एक संघीय न्यायाधीश ने मिफेप्रिस्टोन पर देशव्यापी बैन लगाने का फैसला सुनाया था। इसके बाद से ही इसे लेकर कानूनी लड़ाई शुरू हो गई। अमेरिका में साल 2000 में खाद्य एवं ओषधि प्रशासन (FDA) ने इसे अनुमोदित किया था।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Sat, 22 Apr 2023 09:06 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण स्पेशल: (US Abortion Pills) अमेरिका में गर्भपात के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाली मिफेप्रिस्टोन टैबलेट को लेकर विवाद चल रहा है। हाल ही में अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने इस दवा तक महिलाओं की पहुंच को बरकरार रखा है। कोर्ट की ओर से निचली अदालतों के प्रतिबंधों को खारिज करते हुए मुकदमा जारी रखा गया है।
टेक्सस में एक संघीय न्यायाधीश ने मिफेप्रिस्टोन पर देशव्यापी बैन लगाने का फैसला सुनाया था। इसके बाद से ही इसे लेकर कानूनी लड़ाई शुरू हो गई। ऐसा दावा किया गया था कि दवा का इस्तेमाल जन्म लेने से पहले ही बच्चे की हत्या करने के लिए किया जा रहा है।दरअसल, मिफेप्रिस्टोन दवा को बनाने वाली कंपनी डैंको लेबोरेटरीज के द्वारा निचली अदालतों के फैसलों पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सवाल पूछे गए थे। वहीं, दूसरी ओर इसे बैन करने को लेकर भी देश में कई गर्भपात विरोधी कार्यकर्ता पैरवी भी कर रहे हैं।
मिफेप्रिस्टोन क्या है?
मिफेप्रिस्टोन गर्भावस्था को खत्म करने के लिए ली जाने वाली एक दवा है। यह दवा प्रोजेस्टेरोन नाम के एक हार्मोन को ब्लॉक करने का काम करती है, जो कि गर्भ को ठहराने के लिए जरूरी होता है। मिफेप्रिस्टोन का सेवन अन्य दवा मिसोप्रोस्टोल के साथ किया जाता है।इसे प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में गर्भपात के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर इसका सेवन प्रेग्नेंसी के 10 हफ्तों तक किया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 5 मिलियन से अधिक लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। साथ ही अमेरिका में सबसे ज्यादा इसका सेवन मिसोप्रोस्टोल के साथ ही किया जाता है।
किस देश में गर्भपात के लिए दवा को मिली मंजूरी?
अमेरिका में साल 2000 में खाद्य एवं ओषधि प्रशासन (FDA) ने इसे अनुमोदित किया था। दवा को ब्रिटेन और कनाडा समेत कई दशों में इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई थी। सबसे पहले 1988 में फ्रांस ने सबसे इसे गर्भपात के लिए मंजूरी दी थी। इसके बाद करीब 70 देश इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।