Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'सितंबर से एक ही कानून से चलेंगे देश के 85 प्रतिशत पैक्स', शाह बोले- हमने पैक्सों को कंपनी का दर्जा दिया

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सितंबर से एक ही कानून से देश के 85 प्रतिशत पैक्स चलेंगे। उन्होंने कहा कि तीन वर्षों में पैक्सों की संख्या तीन लाख हो जाएगी। वर्तमान में ये 85 हजार हैं। सहकारिता मंत्री ने यह भी दावा किया कि भंडारण व्यवस्था में पांच वर्षों में सहकारिता की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत से ज्यादा हो जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 02 Jul 2023 05:30 AM (IST)
Hero Image
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा- सितंबर से एक ही कानून से चलेंगे देश के 85 प्रतिशत पैक्स

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र सरकार ने सहकारिता आंदोलन को संबल देने के लिए पैक्स कानून में समानता लाने की पहल की है। केंद्र के नए बायलाज को अभी तक 26 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने स्वीकार किया है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के 85 प्रतिशत पैक्स सितंबर के बाद एक कानून से चलेंगे। अभी देश में 85 हजार पैक्स हैं। तीन वर्षों में हर पंचायत में पैक्स होगा। संख्या तीन लाख हो जाएगी। उन्हें बहुआयामी बनाया जा रहा है। इससे विस्तार सरल हो जाएगा। 

पैक्सों को दिया गया कंपनी का दर्जा

शाह शनिवार को प्रगति मैदान में प्रधानमंत्री द्वारा 17वें सहकारी महासम्मेलन के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि कंपनियों की तरह पैक्सों की समानता नहीं थी, लेकिन अब इसे कंपनी का दर्जा दिया गया है।

पैक्सों को कई गतिविधियों से जोड़ा गया

सहकारिता मंत्री ने कहा कि मल्टीस्टेट को-आपरेटिव सोसाइटी एक्ट में संशोधन इसी सत्र में आने वाला है। पैक्सों से कई गतिविधियों को जोड़ा गया है। जीईएम प्लेटफार्म पर क्रेता और मार्केटिंग के रूप में पैक्स को मंजूरी दी गई है। भंडारण व्यवस्था में पांच वर्षों में सहकारिता की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत से ज्यादा हो जाएगी।

115 साल पुराना है सहकारिता आंदोलन

शाह ने कहा कि भारत में सहकारिता आंदोलन 115 वर्ष पुराना है, लेकिन 25-30 वर्षों से ठहराव सा आ गया था। प्रधानमंत्री की पहल से कई बदलाव आए हैं। आयकर कानून में सहकारिता के साथ पहले अन्याय होता था।

कृषि ऋण वितरण में सहकारिता क्षेत्र का 29 प्रतिशत हिस्सा

सहकारिता  मंत्री ने बताया कि कृषि ऋण वितरण में 29 प्रतिशत हिस्सा सहकारिता क्षेत्र का है। उर्वरक वितरण एवं उत्पादन में क्रमश: 35 एवं 25 प्रतिशत, चीनी उत्पादन में 35, दूध खरीद, बिक्री और उत्पादन में 15, गेहूं खरीद में 13 एवं धान खरीद में 20 प्रतिशत हिस्सा सहकारिता क्षेत्र का है। क्रेडिट को-आपरेटिव, हाउसिंग, मत्स्य उत्पादन एवं सहकारी बैंकों के माध्यम से बहुत काम हुआ है।

सहकारिता यूनिवर्सिटी बनाने की तैयारी

शाह ने कहा कि सहकारिता यूनिवर्सिटी बनाने की भी तैयारी है। तहसील तक प्रशिक्षण की व्यवस्था को आधुनिक बनाकर एक ही पाठ्यक्रम के तहत देश में सहकारिता से जुड़े कई क्षेत्रों के विशेषज्ञ बाहर निकलेंगे। आज देश में ऐसी 630 संस्थाएं काम कर रही हैं, उन्हें एक्सटेंशन के रूप में इस्तेमाल कर सहकारिता यूनिवर्सिटी सुचारू रूप से काम करेगी। एक ही कोर्स होने के कारण देशभर के सहकारिता आंदोलन को गति मिलेगी। इस दौरान राज्यमंत्री बीएल वर्मा भी उपस्थित थे।-----------