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G20 में दो धुरियों के बीच समन्वय भारत की बड़ी चुनौती, गुरुवार को दो सत्रों में विदेश मंत्रियों की होगी बैठक

भारत की कोशिश यह है कि बुधवार को होने वाली औपचारिक रात्रि भोज में सभी विदेश मंत्री उपस्थित हो। जी20 के सदस्यों में से एक या दो को छोड़ कर अन्य सभी देशों के विदेश मंत्री बुधवार को भारत पहुंच जाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Tue, 28 Feb 2023 09:31 PM (IST)Updated: Tue, 28 Feb 2023 09:31 PM (IST)
जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक पर सबकी नजर।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। गुरूवार को रायसीना हिल्स पर स्थित राष्ट्रपति भवन संस्कृति केंद्र में होने वाली जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक पर सबकी नजर होगी। भारत की अगुवाई में विदेश मंत्रियों की यह पहली बैठक है और बैठक से ठीक पहले रूस, चीन, अमेरिका व कुछ दूसरे देशों की तरफ से जिस तरह के बयान आये हैं, उससे साफ है कि दो धुरी में बंटे इन देशों के बीच सामंजस्य बिठाने के लिए भारतीय दल को बहुत ही जबरदस्त कूटनीतिक क्षमता दिखानी होगी।

ज्यादातर देश के विदेश मंत्री बुधवार को भारत पहुंचेंगे

अभी तक जो संकेत हैं उससे ऐसा लग रहा है कि जिस तरह से जी20 के वित्त मंत्रियों की बैठक के बाद कोई संयुक्त बयान जारी नहीं किया जा सका था, उसी तरह से गुरुवार को विदेश मंत्रियों की बैठक की समाप्ति के बाद भी कोई संयुक्त बयान जारी ना हो। सूत्रों के मुताबिक जी20 के सदस्यों में से एक या दो को छोड़ कर अन्य सभी देशों के विदेश मंत्री बुधवार को भारत पहुंच जाएंगे।

जानें कौन-कौन नेता आएंगे भारत

भारत आने वालों में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, चीन के विदेश मंत्री चिन गांग, फ्रांस के विदेश मंत्री कैथनरी कोलोना, ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली, इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो टेजन, आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वांग, अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सेंटियागो कैफियेरो समेत दूसरे नेता शामिल हैं।

पिछले वर्ष रूस के विदेश मंत्री ने नहीं लिया था हिस्सा 

भारत की कोशिश यह है कि बुधवार को होने वाली औपचारिक रात्रि भोज में सभी विदेश मंत्री उपस्थित हो। पिछले वर्ष बाली में इस तरह के रात्रि भोज में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का विरोध करते हुए जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा नहीं लिया था। विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक गुरुवार को मुख्य बैठक होगी जिसमें दो सत्र होंगे। इन दो सत्रों में कुल छह विषयों पर चर्चा होनी है।

संयुक्त बयान जारी होने को लेकर जताई जा रही आशंका

पहले सत्र में बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार, खाद्य व उर्जा सुरक्षा और विकास के लिए सहयोग विषयों पर चर्चा होगी। दूसरे सत्र में आतंकवाद, वैश्विक स्तर पर प्रतिभाओं को तैयार करना और मानवीय मदद पर चर्चा होगी। अभी मुख्य तौर पर पेंच यह फंसा हुआ है कि इन सत्रों के बाद संयुक्त बयान जारी होता है या नहीं। पिछले दो दिनों के दौरान अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों और रूस व चीन के बीच लगातार कूटनीतिक स्तर पर तल्ख टिप्पणियों का आदान-प्रदान किया गया है।

खास तौर पर बंगलुरू में जी20 के तहत वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गर्वनरों की बैठक में जिस तरह से एक दूसरे पर आरोप-प्रात्यारोप लगे हैं उससे भी माहौल खराब हो गया है। सूत्रों का कहना है कि भारत की कोशिश होगी कि एक संयुक्त बयान जारी हो लेकिन यह दूसरे देशों की सहमति पर भी निर्भर करेगा। इन दिशा में भारतीय कूटनीति की तरफ से मंगलवार को भी प्रयास जारी है।

बैठक के सभापति की तरफ से एक बयान जारी किये जाने की संभावना है

जी20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत दूसरी शेरपाओं के साथ बात कर रहे हैं। अगर सहमति नहीं बन पाती है तो बैठक के अंत में बैठक के सभापति की तरफ से एक बयान जारी किये जाने की संभावना है।सनद रहे कि बंगलूरू में संपन्न वित्त मंत्रियों की बैठक में दोनों तरफ से काफी तल्खी भरे आरोप लगाये गये थे। बैठक के बाद दोनो तरफ से मीडिया को भी यह जानकारी दी गई कि अंदर क्या क्या बोला गया है।

रूसी सरकार के सूत्रों ने बताया था कि कनाडा और जर्मनी के वित्त मंत्री ने रूस के वित्त मंत्री पर व्यक्तिगत आरोप लगाये। मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने वित्त मंत्रियों के सम्मेलन के बाद जारी प्रपत्र पर की गई टिप्पणियों को राजनीति से प्रेरित बताया है। इस प्रपत्र की आलोचना को गलत बताते हुए भारत का कहना है कि बाली घोषणापत्र में जो बातें कही गई थी उसे ही बंगलुरू में जारी प्रपत्र में आगे बढ़ाया गया है।


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