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NEET-UG खत्म होंगे अनगिनत मौके! NTA में सुधार के लिए उच्चस्तरीय समिति ने की बड़े बदलावों की सिफारिश

कमेटी ने जो और भी अहम सिफारिशें की है उनमें परीक्षाओं से आउटसोर्सिंग को पूरी तरह से खत्म करना भी शामिल है। इसके साथ ही देश भर में परीक्षाओं को कराने के लिए केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों को स्थाई परीक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने की भी सिफारिश की है। वैसे भी मौजूदा समय में प्रत्येक जिले में एक नवोदय विद्यालय है।

By Jagran News Edited By: Amit Singh Updated: Sun, 10 Nov 2024 11:00 PM (IST)
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जेईई मेन की तर्ज पर इस परीक्षा के लिए भी उन्हें अब अधिकतम चार मौके दिए जा सकते है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) में सुधार को लेकर इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन की अगुवाई में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार किया गया तो आने वाली परीक्षाओं में काफी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। जिसमें सबसे अहम नीट-यूजी परीक्षा में छात्रों को मिलने वाले अनगिनत मौके अब खत्म हो सकते है। जेईई मेन की तर्ज पर इस परीक्षा के लिए भी उन्हें अब अधिकतम चार मौके दिए जा सकते है। माना जा रहा है कि इससे नीट-यूजी परीक्षा से छात्रों की काफी भीड़ कम हो जाएगी।

अभी इस परीक्षा में इस तरह की किसी रोक न होने के चलते छात्र औसतन सात से आठ बार इनमें शामिल होते है। अभी यह परीक्षा सालभर में सिर्फ एक बार ही होती है जबकि जेईई मेन परीक्षा साल में दो बार होती है। इसमें छात्रों को इस परीक्षा में बैठने के तीन साल में छह मौके मिलते है। 2024 में नीट-यूजी में करीब 24 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था। एनटीए में सुधार को लेकर गठित उच्चस्तरीय समिति अपनी सिफारिशें पिछले सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट को दे चुका है। हालांकि अभी इन सिफारिशों को एनटीए ने सार्वजनिक नहीं किया है।

आउटसोर्सिंग हो सकती है खत्म

सूत्रों के मुताबिक कमेटी ने जो और भी अहम सिफारिशें की है, उनमें परीक्षाओं से आउटसोर्सिंग को पूरी तरह से खत्म करना भी शामिल है। इसके साथ ही देश भर में परीक्षाओं को कराने के लिए केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों को स्थाई परीक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने की भी सिफारिश की है। वैसे भी मौजूदा समय में प्रत्येक जिले में एक नवोदय विद्यालय है, वहीं कई जिलों में नवोदय विद्यालय और केंद्रीय विद्यालय दोनों है। इसके अतिरिक्त दूसरे सरकारी संस्थानों को इससे जोड़ने का सुझाव दिया है।

अब तक परीक्षा कराने वाली निजी कंपनियों के सलाह पर एनटीए किसी भी संस्थान या निजी स्कूल को परीक्षा केंद्र बना देता था। इस खेल में नकल माफिया भी शामिल रहता है। समिति के इसके साथ ही परीक्षा कराने के लिए एनटीए में नियमित अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती देने का भी सुझाव दिया है। क्योंकि अभी कुछ साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर आने वाले अधिकारी-कर्मचारी कुछ भी गड़बड़ी कर निकल जाते थे, बाद में उनकी जिम्मेदारी तय करना मुश्किल होता है। खास बात यह है कि दैनिक जागरण ने एनटीए से जुड़ी इन खामियों को लेकर 'कटघरे में एनटीए' नाम से एक सीरीज भी चलाई थी।

कमेटी की कई अहम सिफारिशें

सूत्रों के मुताबिक कमेटी ने जो एक और अहम सिफारिश की है, वह सभी परीक्षाओं को हाइब्रिड मोड़ में कराने को लेकर है। जिसमें परीक्षा आनलाइन और आफलाइन दोनों ही मोड़ में होगी। यानी परीक्षा का पेपर आनलाइन मिलेगा, जबकि सवाल के उत्तर ओएमआर सीट पर पेन से भरने होंगे। इसके पीछे कमेटी का जो तर्क था, वह यह था कि इससे प्रश्न पत्र के रास्ते या सेंटर से लीक होने की संभावना खत्म हो जाएगी।

कमेटी ने इसके साथ ही ज्यादा बड़ी परीक्षाओं को जेईई मेन की तरह कई शिफ्टों में कराने की सिफारिश की है। इनमें नीट- यूजी परीक्षा को कई शिफ्टों में कराने का भी प्रस्ताव किया है। सूत्रों की मानें तो कमेटी आने वाले दिनों में तकनीकी पहलुओं को लेकर अपनी एक और रिपोर्ट देगी। हालांकि इसे कब से अमल में लाना है, इसका फैसला सरकार को करना है।

नीट-यूजी विवाद के बाद गठित हुई थी यह समिति

एनटीए में सुधार को लेकर इस समिति का गठन 22 जून 2024 को नीट-यूजी में गड़बड़ी को लेकर उठे विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया गया था। इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन अगुवाई में बनाई गई इस सात सदस्यीय समिति में जो और बड़े नाम शामिल किए गए थे, उनमें एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, शिक्षाविद बी जे राव, के राममूर्ति , पंकज बंसल, आदित्य मित्तल के साथ शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल को बतौर सदस्य शामिल हैं। समिति को परीक्षा प्रक्रिया में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए के स्ट्रक्चर और कार्यप्रणाली आदि को लेकर अपनी सिफारिशें देनी थी।