G20: कर्ज में फंसे देशों को मिलेगी राहत, जी 20 समूह में बनी सहमति
G20 श्रीलंका घाना जांबिया व इथोपिया को मिलेगी मदद। बहुपक्षीय विकास बैंक के लोन देने के तरीके में भी होगा सुधार। क्रिप्टो को रेगुलेट करने पर भी सहमति खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी हुई चर्चा।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Sat, 25 Feb 2023 10:35 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत की अगुवाई में होने वाली जी20 समूह के वित्त मंत्रियों व केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में गरीब व कम आय वाले देशों को कर्ज से उबारने का फैसला किया गया। वहीं वैश्विक स्तर के बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) के लोन देने के तरीके में भी सुधार को लेकर भी समूह राजी हो गया है। जी20 देशों के वित्त मंत्रियों व केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बंगलुरू में होने वाली तीन दिवसीय बैठक में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वित्तीय व्यवस्था और क्रिप्टो को रेगुलेट करने पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
जी20 समूह के देशों ने दिया पूरा समर्थन
जी20 देशों ने डिजिटल इंफ्रा पर भी चर्चा की और इस दिशा में भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली की भी सराहना की गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि बैठक के लिए भारत ने जो भी एजेंडा बनाया था, सभी पर जी20 समूह के देशों ने पूरा समर्थन दिया। उन्होंने बताया कि कर्ज में फंसे गरीब व विकासशील देशों को उबारने के लिए उन्हें कर्ज देने पर बैठक में सहमति बनी और इससे तत्काल रूप से घाना, श्रीलंका, जांबिया और इथोपिया को राहत मिलेगी। कर्ज देने के लिए वैश्विक बैंकों के साथ विकसित देशों सार्वजनिक बैंक व निजी बैंक भी आगे आएंगे।
कोरोना एवं उसके बाद रूस-युक्रेन युद्ध की वजह से कई देश कर्ज में बुरी तरह फंस गए हैं, लेकिन उन्हें वैश्विक बैंकों से कर्ज मिलने में दिक्कत आ रही है। विभिन्न देशों के कर्ज में फंसने से वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के आसार गहराने लगे हैं। भारत पिछले एक साल से कर्ज में फंसे देशों को उबारने की वकालत विकसित देशों से कर रहा था। सीतारमण ने बताया कि वैश्विक स्तर के जो बहुपक्षीय विकास बैंक हैं उनमें भी सुधार को लेकर रजामंदी हो गई है।
जी20 की सभी बैठक भारत में होगी
इन बैंकों के कर्ज देने के तौर-तरीके में बदलाव किया जा सकता है। बैठक में एसएमई की वित्तीय व्यवस्था, साइबर सुरक्षा, क्रिप्टो संपदा को लेकर भी विस्तृत चर्चा की गई। सीतारमण ने बताया कि सऊदी अरब ने भू-राजनीतिक अस्थिरता की वजह से खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा के मुद्दा उठाया था और उस पर भी समूह की बैठक में चर्चा की गई।उन्होंने कहा अमेरिका, ब्रिटेन, जापान समेत सभी देशों ने भारत के एजेंडा का पूरा-पूरा समर्थन किया। बैठक में जी20 देशों के 500 से अधिक प्रतिनिधियों भाग लिया। बैठक में नेपाल, बांग्लादेश व कई अफ्रीकी देशों को भी न्योता दिया गया था। चीन, रूस, मैक्सिको व टर्की के प्रतिनिधियों वर्चुअल रूप से बैठक में हिस्सा लिया। इस साल भारत जी20 समूह का अध्यक्ष है इसलिए इस साल होने वाली जी20 की सभी बैठक भारत में होगी।