भारत के मुकाबले इन देशों में अधिक चुनकर आती हैं महिलाएं, जहां संसद में नहीं वहां पार्टियां देती हैं आरक्षण
Women Reservation Bill संसद के विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों में महिला आरक्षण बिल को लेकर चर्चा चल रही है। उम्मीद है कि कुछ दिनों में यह बिल कानून का रूप धारण करेगा। दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां की संसद में महिला सांसदों की संख्या बड़ी तादाद में है। वहीं बांग्लादेश की संसद में महिला संसदों के लिए सीटें आरक्षित हैं।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 20 Sep 2023 05:09 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Women Reservation Bill। देश की महिलाओं को अधिक सशक्त बनाने के लिए मोदी सरकार ने महिला सुरक्षा बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को लोकसभा में पेश कर दिया है। उम्मीद है कि पांच दिवसीय विशेष सत्र के दौरान यह विधेयक लोकसभा, राज्यसभा से पारित होकर कानून बन जाए।
भारत में पिछले कई सालों से संसद में महिला सांसदों के लिए सीटें आरक्षित करने की बात चल रही है। हालांकि, मोदी सरकार ने अब जाकर यानी आजादी के 75 साल बाद इस बिल को पारित कराने का फैसला ले लिया है।
इन देशों में बड़ी तादाद में मौजूद हैं महिला सांसद
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च (PRS Legislative Research) के एक विश्लेषण के अनुसार, स्वीडन में 46 प्रतिशत महिलाएं सांसद हैं।नॉर्वे में 46 प्रतिशत महिलाएं सांसद हैं।दक्षिण अफ्रीका में 45 प्रतिशत सांसद महिलाएं हैं।
ऑस्ट्रेलिया में 38 प्रतिशत, फ्रांस में 35 प्रतिशत और जर्मनी में 35 प्रतिशत सांसद महिलाएं हैं।हालांकि, इन देशों में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने का कोई कानून नहीं है लेकिन कुछ राजनीतिक दल आरक्षण प्रदान करते हैं।
बांग्लादेश की संसद में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित
बात करें बांग्लादेश की तो हमारे पड़ोसी देश के संसद में महिलाओं के सीटें आरक्षित हैं। बांग्लादेश संसद की 300 सीटों में से 50 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इस समय बांग्लादेश में 21 फीसदी सांसद महिलाएं हैं। गौरतलब है कि अध्ययन में यह भी दावा किया गया कि संसद में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने से मतदाताओं की पसंद सीमित हो जाएगी।क्या है हमारे देश में महिला सांसदों की स्थिति?
17वीं लोकसभा के कुल सदस्यों में से लगभग 15 प्रतिशत महिलाएं हैं।देश में लगभग 13 प्रतिशत राज्यसभा सांसद महिलाएं हैं।जबकि देश की राज्य विधानसभाओं में महिलाएं कुल सदस्यों का औसत केवल नौ प्रतिशत हैं।राजनीतिक दलों की बात करें तो बीजेडी के 42 प्रतिशत सांसद और टीएमसी के 39 प्रतिशत सांसद महिलाएं हैं। बीजेपी के पास 14 फीसदी और कांग्रेस के पास 12 फीसदी महिला सांसद हैं।महिला आरक्षण को लेकर कानून बनने के बाद क्या कुछ बदल जाएगा
- लोकसभा में महिलाओं की संख्या 181 हो जाएगी
- महिला आरक्षण की अवधि 15 साल की होगी
- SC/ST के लिए तय सीटों में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होगी
- भारतीय राजनीति में बड़ी तादाद में महिलाओं की एंट्री होगी