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समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट कांड में आरोप तय

पंचकूला [जागरण संवाददाता] समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट मामले में सात साल बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] की विशेष अदालत ने शुक्रवार को स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, राजेंद्र पहलवान व कमल चौहान के खिलाफ आरोप तय कर दिए। अब एनआइए कोर्ट में इनके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई होगी।

By Edited By: Updated: Fri, 24 Jan 2014 08:35 PM (IST)

पंचकूला [जागरण संवाददाता] समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट मामले में सात साल बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] की विशेष अदालत ने शुक्रवार को स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, राजेंद्र पहलवान व कमल चौहान के खिलाफ आरोप तय कर दिए। अब एनआइए कोर्ट में इनके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई होगी।

18 फरवरी, 2007 को दिल्ली से अटारी जा रही समझौता एक्सप्रेस में पानीपत के नजदीक बम विस्फोट के कारण बोगियों में आग लग गई थी। ट्रेन में सवार 68 लोगों की मौत हो गई और 12 यात्री घायल हो गए थे। मृतकों में ज्यादातर पाकिस्तानी थे। रेलवे पुलिस और हरियाणा पुलिस के विशेष जांच दल की प्रारंभिक जांच के बाद गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह मामला एनआइए को सौंप दिया गया था।

एनआइए ने स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, राजेंद्र पहलवान, कमल चौहान को आरोपी बनाया था। राजेंद्र पहलवान, लोकेश शर्मा और कमल चौहान पर ट्रेन में बम लगाने का आरोप है, जबकि असीमानंद पर इनकी मदद करने का आरोप है। 30 दिसंबर 2010 को एनआइए ने दावा किया था कि उसके पास स्वामी असीमानंद के इस मामले के मास्टर माइंड होने के पुख्ता सुबूत हैं। एजेंसी ने दावा किया था कि विस्फोटकों के उपकरणों का निर्माण करने के लिए एक इंजीनियर संदीप डांगे और बिजली मिस्त्री रामजी कलेसंगरा ने सहयोग किया था।

एनआइए ने वर्ष 2011 को पहला और 9 अगस्त 2012 को दूसरा आरोप पत्र दाखिल किया था। दूसरी तरफ, असीमानंद ने सारे आरोपों को निराधार बताया था। उसे और उसके साथियों को साजिश के तहत फंसाया गया था।

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