अब दुनियाभर में लगेगी भारत की स्वदेशी वैक्सीन, कोवैक्सीन को मिली WHO से हरी झंडी
भारत के स्वदेशी कोरोना टीके कोवैक्सीन को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तकनीकी सलाहकार समूह ने भारत बायोटेक की इस वैक्सीन के लिए इमरजेंसी यूज लिस्टिंग की सिफारिश कर दी है। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने इसकी जानकारी दी है।
By TaniskEdited By: Updated: Wed, 03 Nov 2021 07:11 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत के स्वदेशी कोरोना टीके कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से हरी झंडी मिल गई है। ऐसे में अब इस टीके का पूरे विश्व में इस्तेमाल हो सकेगा। डब्ल्यूएचओ के टेक्निकल एडवाइजरी समूह (TAG) ने भारत बायोटेक की इस वैक्सीन के लिए इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (EUL) की सिफारिश कर दी थी। इसके बाद संगठन ने यह फैसला लिया। गौरतलब है कि टीएजी एक स्वतंत्र सलाहकार पैनल है, जो डब्लूएचो को सिफारिशें प्रदान करता है कि क्या इयूएल प्रक्रिया के तहत आपातकालीन उपयोग के लिए किसी कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी जा सकती है या नहीं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने बयान में कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा दुनियाभर के नियामक विशेषज्ञों से बने तकनीकी सलाहकार समूह ने यह निर्धारित किया है कि कोवैक्सीन टीका कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए संगठन के मानकों को पूरा करता है। इस वैक्सीन का लाभ जोखिम से कहीं अधिक है और वैक्सीन का उपयोग दुनिया भर में किया जा सकता है।
Technical Advisory Group of WHO recommends Emergency Use Listing status for Bharat Biotech's Covaxin: Sources
— Press Trust of India (@PTI_News) November 3, 2021
संगठन के अनुसार डब्ल्यूएचओ के स्ट्रेटेजिक एडवाइजरी ग्रुप आफ एक्सपर्ट्स आन इम्यूनाइजेशन (SAGE) द्वारा ने भी कोवैक्सीन की समीक्षा की और 18 और उससे अधिक आयु समूहों में चार सप्ताह के अंतराल में इसके दो खुराक के उपयोग की सिफारिश की गई। उसने यह भी बताया कि गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण पर उपलब्ध कोवैक्सीन के आंकड़े गर्भावस्था में टीके की सुरक्षा या प्रभावकारिता का आकलन करने के लिए अपर्याप्त हैं। गर्भवती महिलाओं में अध्ययन की योजना बनाई गई है, जिसमें गर्भावस्था सब स्टडी और गर्भावस्था रजिस्ट्री शामिल हैं।
डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2 फीसद प्रभावशाली
कोवैक्सीन लक्षण वाले कोरोना मरीजों पर 77.8 फीसद और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2 फीसद प्रभावशाली पाया गया है। इसे लेकर भारत बायोटेक ने कहा कि उसने फेज -3 ट्रायल से कोवैक्सीन के प्रभावकारिता के अंतिम विश्लेषण बाद यह निष्कर्ष निकाला है। भारत बायोटेक के कोवैक्सिन और एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड भारत में व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले दो टीके हैं। इस बीच भारत में टीकाकरण का आंकड़ा 107 करोड़ डोज को पार कर गया है।
भारत बायोटेक का बयानभारत बायोटेक ने कहा कि डब्ल्यूएचओ से मान्यता मिलने के बाद देश अब कोवैक्सीन के आयात और प्रशासन के लिए अपनी नियामक अनुमोदन प्रक्रियाओं में तेजी ला सकते हैं। यूनिसेफ, पैन-अमेरिकन हेल्थ आर्गनाइजेशन (PAHO), गवि कोवैक्स सुविधा, दुनियाभर के देशों में वितरण के लिए कोवैक्सीन खरीदने में सक्षम होगी। वैक्सीन को दुनिया के बाकी हिस्सों में भेजने में सक्षम होंगे : बलराम भार्गव भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि इसके साथ ही इस वैक्सीन को भेजने के लिए पूरी दुनिया हमारे लिए खुल गई है। अब जबकि हमने बड़ी संख्या में अपने लोगों वैक्सीन की खुराक दे दी है, हम इस पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन को दुनिया के बाकी हिस्सों में भेजने में सक्षम होंगे।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक का बयानडब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि एक और वैक्सीन कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग में देखकर खुशी हुई। हमारे पास कोरोना से लड़ने के लिए जितने अधिक उत्पाद होंगे,उतना ही अच्छा होगा।