COVID-19: देश में कोरोना महामारी के दौरान 11 लाख से ज्यादा मौतें, केंद्र सरकार ने ऑक्सफोर्ड के आंकड़ों को बताया भ्रामक
देश में 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान 2019 की तुलना में अधिक मौत हुई। एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के अनुसार महामारी के दौरान 2020 में 11.9 लाख अतिरिक्त मौत हुईं और यह आंकड़ा 2019 की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है। ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं समेत अन्य ने कहा कि यह अनुमान भारत में कोविड-19 से हुई मौतों के आधिकारिक आंकड़ों से लगभग आठ गुना अधिक है।
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि 2020 में भारत में कोरोना महामारी के दौरान जीवन प्रत्याशा पर एकेडमिक जनरल 'साइंस एडवांस' में प्रकाशित एक अध्ययन के निष्कर्ष अपुष्ट और अस्वीकार्य अनुमानों पर आधारित हैं। यानी यह पूरी तरह भ्रामक हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट में इस अध्ययन के निष्कर्ष प्रकाशित होने के बाद मंत्रालय का यह बयान सामने आया है।
ऑक्सफोर्ड ने किया था ये दावा
इस अध्ययन में सरकारी आंकड़ों से आठ गुना अधिक मौतों का दावा किया गया था। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हालांकि इस अध्ययन के लेखकों ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) के विश्लेषण के लिए मानक पद्धति का पालन करने का दावा किया है, लेकिन इस पद्धति में गंभीर खामियां हैं।
बयान में कहा गया, 'सबसे महत्वपूर्ण त्रुटि यह है कि लेखकों ने जनवरी और अप्रैल 2021 के बीच एनएफएचएस में शामिल परिवारों के एक उपसमूह पर अध्ययन किया और 2020 में इन परिवारों में मृत्यु दर की तुलना 2019 से की जबकि परिणामों को पूरे देश के हिसाब से बताया है। इसमें कहा गया कि एनएफएचएस नमूना तभी देश का प्रतिनिधित्व करता है, जब इसे समग्र रूप से देखा जाए।
आंकड़े तब लिए गए, जब महामारी चरम पर थी
इस विश्लेषण में 14 राज्यों के 23 प्रतिशत परिवारों पर आधारित अध्ययन को देश का प्रतिनिधित्व करने वाला नहीं माना जा सकता। एक अन्य बड़ी खामी सम्मिलित नमूने में संभावित चयन और पूर्वाग्रह से संबंधित है क्योंकि ये आंकड़े उस समय एकत्रित किए गए थे जब कोविड-19 महामारी चरम पर थी।'
इसमें कहा गया कि भारत में नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) अत्यधिक मजबूत है और 99 प्रतिशत से अधिक मौतों को दर्ज करती है। इस प्रणाली के आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 की तुलना में 2020 में मृत्यु पंजीकरण में 4.74 लाख की वृद्धि हुई। बयान में कहा गया कि 2018 और 2019 में मृत्यु पंजीकरण में क्रमश: पिछले वर्षों की तुलना में 4.86 लाख और 6.90 लाख की वृद्धि हुई थी।
इसमें कहा गया कि साइंस एडवांस के अध्ययन में 2020 में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 11.9 लाख मौतें अधिक बताई गईं, जोकि एक भ्रामक अतिश्योक्ति है। ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं सहित अन्य शोधकर्ताओं ने कहा था कि यह अनुमान भारत में कोविड-19 से होने वाली आधिकारिक मौतों से लगभग आठ गुना और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान से 1.5 गुना ज्यादा है।