Covid-19 Vaccination: कोरोना वैक्सीन नहीं, इन वजहों से गई थी लोगों की जानें; ICMR ने रिसर्च में किया ये दावा
Covid-19 Vaccination भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय शोधकर्ताओं को इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि कोविड-19 टीकाकरण के कारण लोगों की मौत हुई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अक्टूबर 2021 और मार्च 2023 के बीच 18 से 45 वर्ष की आयु के व्यक्तियों की मौतों को लेकर एक अध्ययन किया था।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Tue, 21 Nov 2023 12:46 PM (IST)
रायटर, नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी के कारण हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, जिसके कारण लोगों को इस वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन दी गई थी। हालांकि, ऐसा दावा किया गया था कि कोविड वैक्सीन लेने के बाद कुछ लोगों की जान गई, लेकिन इसे लेकर अब एक रिपोर्ट सामने आई है।
रिसर्च में मौत के पीछे की बताई ये वजह
समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय शोधकर्ताओं को इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि कोविड-19 टीकाकरण के कारण लोगों की मौत हुई है। रिसर्च में दावा किया गया कि उनकी मौत के पीछे का कारण धूम्रपान करना, अधिक शराब पीना, ड्रग्स और नशीले पदार्थों का सेवन हो सकता है।
ICMR ने किया था अध्ययन
दरअसल, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अक्टूबर 2021 और मार्च 2023 के बीच 18 से 45 वर्ष की आयु के व्यक्तियों की मौतों को लेकर एक अध्ययन किया था। इस विश्लेषण में करीब 729 मामले और 2,916 नियंत्रण शामिल किए गए।यह भी पढ़ें- 26/11 हमले की 15वीं बरसी से पहले इजरायल की कड़ी कार्रवाई, लश्कर-ए-तैयबा को किया आतंकवादी संगठन घोषित
कोविड-19 वैक्सीनेशन से संबंधित नहीं मिला कोई सबूत
इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया कि इन मौतों के पीछे कोविड-19 वैक्सीनेशन से संबंधित कोई सबूत नहीं मिला है। शोधकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण से देश में युवा वयस्कों में अचानक होने वाली अज्ञात मौतों का खतरा नहीं बढ़ा है।क्या कहते हैं सरकारी आंकड़ें?
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि भारत में कोविड संक्रमण के 45 मिलियन मामले और 533,295 मौतें हुई हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि वास्तविक संख्या कई गुना अधिक है। कोविड संकट के दौरान कई भारतीय अस्पतालों में बिस्तरों की कमी हो गई और कई लोगों की घर पर ही मृत्यु हुई थी।
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