पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की बढ़ी मुश्किलें, 14 करोड़ के कोविड घोटाला मामले में मुकदमा चलाने की सिफारिश
Karnataka News कर्नाटक के पूर्व सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता येदियुरप्पा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान उपकरणों एवं दवाओं की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच के बाद मुकदमा चलाने की सिफारिश की गई है। जस्टिस डी. कुन्हा ने 31 अगस्त को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी थी। दूसरी रिपोर्ट छह-सात महीने में सौंपी जा सकती है।
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने शनिवार को कहा कि जस्टिस माइकल डी कुन्हा जांच आयोग ने प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा तथा पूर्व मंत्री बी. श्रीरामुलु के खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की है।
आयोग ने की मुकदमा चलाने की सिफारिश
आयोग ने कोविड-19 महामारी के दौरान उपकरणों एवं दवाओं की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच के बाद मुकदमा चलाने की सिफारिश की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्पष्ट है कि कोविड-19 के दौरान उपकरणों एवं दवाओं की खरीद में 'लूट-खसोट' हुई थी। तत्कालीन सरकार ने नियमों का उल्लंघन किया। सत्ता में आने के बाद हमने जांच कराने और रिपोर्ट सौंपने के लिए पूर्व जज की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित किया। आयोग ने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है। दूसरी रिपोर्ट छह-सात महीने में सौंपी जा सकती है।
पीपीई किट की खरीद में 14 करोड़ का नुकसान
राव ने आगे कहा कि कैबिनेट उप-समिति ने रिपोर्ट पर चर्चा की है। तत्कालीन मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्रीरामुलु का सीधे तौर पर नाम लिया गया है। पीपीई किट की खरीद में लगभग 14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसे नियमों का उल्लंघन कर अधिक कीमत पर खरीदा गया। देश में इनकी उपलब्धता के बावजूद इन्हें चीन-हांगकांग से खरीदा गया था।उपचुनाव के बाद होगी एक और बैठक
जस्टिस डी. कुन्हा ने 31 अगस्त को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में येदियुरप्पा, श्रीरामुलु के खिलाफ कार्रवाई और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की गई है। सरकार ने रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) और कैबिनेट उप-समिति गठित करने का फैसला किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के नेतृत्व में सात सदस्यीय कैबिनेट उप-समिति गठित की। कैबिनेट उप-समिति की एक बैठक हुई है। उपचुनाव के बाद एक और बैठक होगी।
अधिकारियों सहित जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। आयोग द्वारा 500 करोड़ रुपये की वसूली की सिफारिश के बारे में पूछे गए सवाल पर मंत्री ने कहा, आयोग ने विभिन्न कंपनियों से वसूली की सिफारिश की है, क्योंकि खरीद अधिक लागत पर की गई, कुछ मामलों में डिलीवरी में देरी हुई, गुणवत्ता को लेकर भी शिकायतें हैं। इसे लेकर उपचुनाव के बाद अलग टीम बनाने का निर्णय लिया गया है।