Covid Update: मणिपुर में COVID-19 के JN.1 सब-वेरिएंट का पहला मामला आया सामने, 24 घंटे में 600 के पार पहुंचा केस
मणिपुर में सेनापति इलाके के पाओमाटा जिले के रहने वाले एक शख्स में जेएन.1 वेरिएंट के लक्षण पाए गए हैं। बताया जा रहा है कि इस शख्स ने दिल्ली से दीमापुर तक हवाई यात्रा की थी और उसके बाद सड़क मार्ग से दीमापुर से सेनापति तक यात्रा की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 692 नए मामले पाए गए हैं।
एएनआई, सेनापति (मणिपुर)। देश में कोविड के मामलों में एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है। दरअसल, लंबे समय के बाद मणिपुर में COVID-19 का एक ताजा मामला सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक, सेनापति के पाओमाटा जिले के रहने वाले एक शख्स में जेएन.1 वेरिएंट के लक्षण पाए गए हैं।
बताया जा रहा है कि इस शख्स ने दिल्ली से दीमापुर तक हवाई यात्रा की थी और उसके बाद सड़क मार्ग से दीमापुर से सेनापति तक यात्रा की थी। वायरस की जांच करने के लिए सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है। फिलहाल, इसके प्रसार को रोकने के लिए अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं।
24 घंटे में 692 नए मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 692 नए मामले दर्ज किए गए है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में छह मौतें हुईं है, जिनमें दो महाराष्ट्र में और एक-एक दिल्ली, कर्नाटक, केरल और पश्चिम बंगाल में हुए। जनवरी 2020 में कोरोना वायरस फैलने के बाद से कुल संख्या 4,50,10,944 तक पहुंच गई है। भारत में मरने वालों की कुल संख्या 5,33,946 हो गई है।अस्पतालों में व्यवस्था हुई तेज
विभिन्न राज्यों में JN.1 सब-वेरिएंट के कारण COVID-19 मामलों में वृद्धि के बीच, एम्स के बाद, राष्ट्रीय राजधानी के सफदरजंग अस्पताल ने भी मरीजों के लिए बिस्तर आरक्षित करना शुरू कर दिया है और ऑक्सीजन और परीक्षण सहित अन्य व्यवस्था करने लगे हैं।अस्पताल प्रशासन ने आइसोलेशन के लिए 50 बेड और 9 आईसीयू बेड आरक्षित कर लिए हैं। इसके साथ ही, अस्पताल में ऑक्सीजन, पीपीई किट और कोविड टेस्टिंग को लेकर भी पूरी व्यवस्था कर ली गई है।
ओमिक्रोन का प्रकार है जेएन.1 वेरिएंट
वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट और सफदरजंग अस्पताल के पूर्व एचओडी, डॉ. नीरज गुप्ता ने कहा, "जेएन.1 ओमिक्रॉन का एक प्रकार है। किसी भी वायरल संक्रमण की तरह, यह भी हल्का है, यह बहुत गंभीर प्रकृति का नहीं है और हम किसी भी प्रवेश या उच्च प्रवेश दर की उम्मीद नहीं कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि आम तौर पर, किसी गंभीर स्थिति वाले रोगियों में इम्यून सिस्टम कम हो जाती है, उनमें रुग्णता अधिक होती है, जिससे मृत्यु हो सकती है।
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