भूस्खलन में फंसा था आसिफा का परिवार, CRPF ने 12 किमी पैदल चल पहुंचाया खाना
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन में आसिफा अपने परिवार के सदस्यों के साथ भूस्खलन के कारण फंस गई थी। उनके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं था।
By Manish PandeyEdited By: Updated: Mon, 06 Jan 2020 11:17 AM (IST)
जम्मू, राज्य ब्यूरो। घुप अंधेरा, तापमान शून्य से दो डिग्री अधिक, बर्फीली हवाएं कंपकंपी छुड़ा रही थीं और बर्फ से लदे पहाड़ों से पत्थर गिर रहे थे। इसके चलते कई किमी. तक वाहनों की कतार में सैकड़ों यात्री फंसे थे। बच्चे भूखे-प्यासे बिलख रहे थे। ऐसे में आसिफा के मात्र एक फोन पर जानलेवा मौसम की परवाह किए बिना सीआरपीएफ के जवानों ने 12 किलोमीटर पैदल चल फंसे यात्रियों और उनके बच्चों के लिए खाने का सामान व दूध पहुंचाया।
यह घटना जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन जिले के डिगडोल क्षेत्र की है। श्रीनगर निवासी आसिफा नाम की महिला तीन बच्चों व अन्य परिवार के सदस्यों के साथ श्रीनगर से जम्मू की तरफ आ रही थी, लेकिन भूस्खलन के कारण रामबन के पास डिगडोल में सभी लोग फंस गए। उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं था।मददगार की आई याद
हिमस्खलन में फंसने आसिफा को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की हेल्पलाइन मददगार की याद आई और उन्होंने उससे संपर्क किया। जैसे ही मददगार डेस्क से सीआरपीएफ जवानों को जानकारी मिली, वे तुरंत हरकत में आए। राजमार्ग बंद होने के कारण उन्हें पैदल ही चलना पड़ा। आसपास के पूरे क्षेत्र में बर्फबारी हुई थी। बर्फीली हवाएं चल रही थीं। इसके बावजूद जवान 12 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके डिगडोल पहुंचे।
जवानों को देख परिवार के चेहरे पर आई रौनक
सीआरपीएफ जवान 157 बटालियन के इंस्पेक्टर रघुवीर ¨सह के नेतृत्व में पीडि़त परिवार के पास पहुंचे और उन्हें खाना, पानी और जरूरत का अन्य सामान उपलब्ध करवाया। मददगार डेस्क ने 84 बटालियन से संपर्क किया और इसके बाद सबसे नजदीक स्थित कंपनी के पास संदेश भेजा। इसके बाद उन्होंने परिवार तक मदद पहुंचाई। चंद घंटों में ही खाने-पीने के सामान के साथ जवानों को पास देख पीडि़त परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और बार-बार वे उनका आभार जता रहे थे। यह ऐसी पहली घटना नहीं है कि सीआरपीएफ जवानों ने विपरीत परिस्थितियों में जरूरतमंदों की मदद की हो, इससे पहले भी हजारों लोगों की मदद कर चुके हैं।
चार दिन से बंद था हाईवेरामबन जिले के डिगडोल और चंद्रकोट इलाके में भारी भूस्खलन के चलते नेशनल हाईवे बुधवार की देर शाम से ही बंद है। यहां भारी मात्रा में मलबा और पत्थर गिर रहे थे। इसके चलते हाईवे पर पड़ा मलबा और पत्थर हटाने में कर्मचारियों को दिक्कतें आ रही थीं। हालांकि, रविवार को की सुबह हाईवे को एकतरफा खोल दिया गया। इसके बाद रास्ते में फंसे वाहनों को निकाला गया। बदल दिया था अपना नंबरकश्मीर में पांच अगस्त को इंटरनेट और टेलीफोन बंद होने के बाद लोगों की मदद के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की श्रीनगर आधारित हेल्पलाइन ने नंबर बदल दिया था। सीआरपीएफ की मददगार हेल्पलाइन ने यह जानकारी ट्विटर पर भी दी थी। कई लोगों ने संपर्क कर जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के हालात के बारे में जानकारी ली थी।परिजनों से मिलाया कश्मीर में टेलीफोन सेवा बंद होने पर मददगार हेल्पलाइन ने हजारों लोगों की मदद की थी। इसने देश के विभिन्न भागों में रहने वाले लोग जो कि कश्मीर में परिजनों के साथ संपर्क नहीं कर पा रहे थे, उनके लिए भी इस हेल्पलाइन को शुरू किया था। लोग '14411' नंबर और 9469793260 नंबर पर संपर्क कर कश्मीर में अपने परिजनों से संपर्क कर पा रहे थे। इस हेल्पलाइन से बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा में भी लोगों की मदद की थी।@crpfindia troops led by Insp Raghuveer of 157 Bn @JKZONECRPF walked 12 Kms to provide food, water and other items to the family of Asifa who was stuck for hours at Digdol NH-44 along with her kids due to a massive landslide. Asifa had contacted @CRPFmadadgaar for help. pic.twitter.com/LwFtdz52GK
— CRPF Madadgaar (@CRPFmadadgaar) January 5, 2020