सीएससी चलाएंगे देश भर में डिजिटल साक्षरता अभियान
इलेक्ट्रानिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन दो लाख सीएससी देश की ढाई लाख ग्राम पंचायतों में यह अभियान चलाएंगे।
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। देश को कैशलेस अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करने की अहम जिम्मेदारी कॉमन सर्विस सेंटर पर डाली गई है। ये सेंटर खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को डिजिटल साक्षरता का पाठ पढ़ाएंगे ताकि उन्हें कैशलेस सौदों के लिए तैयार किया जा सके। इस अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले एक करोड़ लोगों को डिजिटल वित्तीय उपायों के इस्तेमाल के लिए तैयार किया जा सकेगा।
इलेक्ट्रानिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन दो लाख सीएससी देश की ढाई लाख ग्राम पंचायतों में यह अभियान चलाएंगे। डिजिटल साक्षरता अभियान (दिशा) के तहत चलाये जाने वाले इस कार्यक्रम के लिए सीएससी को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत न केवल ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों को डिजिटल साक्षर बनाया जाएगा बल्कि उन तक सरकार की नीतियों और कैशलेस ट्रांजैक्शन के उपायों से भी अवगत कराया जा सकेगा। बिना नकदी के सौदे करने के लिए उन्हें आइएमपीएस, यूपीआइ, बैंक पीओएस मशीनों जैसे वित्तीय उपकरणों के इस्तेमाल के लिए न केवल तैयार किया जाएगा बल्कि प्रोत्साहित भी किया जाएगा।
अभियान के तहत प्रत्येक सीएससी अपने अपने क्षेत्र के चालीस परिवारों तक अपनी पहुंच बनाएगा। प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को डिजिटल साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा प्रत्येक सीएससी को हर पंचायत के तहत आने वाले दस स्थानीय दुकानदारों, कलाकारों और अन्य व्यवसाइयों को डिजिटल भुगतान लेने के लिए तैयार किया जाएगा। इसके अलावा इन्हें पीओएस मशीन लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। कोशिश होगी कि इस प्रक्रिया में पिछड़े और गरीब परिवार से आने वाले लोगों को शामिल किया जा सके ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। साथ ही प्रशिक्षण के लिए अधिक जोर महिलाओं, किसानों और मजदूर वर्ग के लोगों पर रहेगा।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस प्रयास को देश में कैशलेस सौदों को बढ़ावा देने की दिशा में अहम बताया। दैनिक जागरण से उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कैशलेस सौदों को बढ़ावा देने के लिए सीएससी एकदम उपयुक्त संस्था है। प्रसाद ने कहा कि सीएससी को इसके लिए भविष्य में भी तैयार रहना होगा।
देश में नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कैशलेस सौदों को बढ़ावा देने पर निरंतर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार विभिन्न स्तरों पर काम कर रही है। देश में नकदी की समस्या उत्पन्न होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी चुनौती पैदा हो गई है। प्रधानमंत्री का मानना है कि ग्रामीण इलाकों को कैशलेस सौदों के लिए तैयार करना बेहद जरूरी है। सीएससी ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा अर्ध शहरी इलाकों में भी लोगों को कैशलेस सौदों के लिए तैयार करेगा।
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गौरतलब है कि छोटे व्यवसाइयों में से करीब 90 फीसद व्यवसायी किसी भी वित्तीय संस्था से औपचारिक तौर पर नहीं जुड़े हैं। अभी भी करीब 67 फीसद भुगतान नकदी में होते हैं। जबकि डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल दस फीसद से भी कम लोग करते हैं। यही वजह है कि सरकार अधिक से अधिक लोगों को डिजिटल साक्षर बनाकर नकद सौदों की संख्या को कम करना चाहती है।