Cyber Crime: साइबर अपराध के मामले बढ़े! NCRB ने जारी की ये चौंकाने वाली रिपोर्ट, इन राज्यों में हो रहे सब से ज्यादा मामले दर्ज
देश में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है और हर घंटे लगभग 51 एफआइआर दर्ज की गईं। बच्चों के विरुद्ध अपराधों में 8.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं साइबर अपराध के दर्ज मामले भी तेजी से बढ़े हैं। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि साइबर अपराध के मामलों में 24.4 प्रतिशत है।
By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Tue, 05 Dec 2023 06:00 AM (IST)
एजेंसी, नई दिल्ली। देश में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है और हर घंटे लगभग 51 एफआइआर दर्ज की गईं। बच्चों के विरुद्ध अपराधों में 8.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं, साइबर अपराध के दर्ज मामले भी तेजी से बढ़े हैं।
2022 में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के हर घंटे दर्ज हुए 51 मामले
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े बताते हैं कि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर अपराध के मामलों में 24.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2022 में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के 75 प्रतिशत मामले जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, असम और उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए।
जबकि देशद्रोह के 25 प्रतिशत मामले सिर्फ बंगाल में दर्ज किए गए।एनसीआरबी के अनुसार, महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में तीन वर्षों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। देशभर में 2020 में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के 3,71,503; 2021 में 4,28,278 और 2022 में 4,45,256 मामले दर्ज किए गए।
महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में 31.4 प्रतिशत पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता, 19.2 प्रतिशत अपहरण, 18.7 प्रतिशत शील भंग करने के इरादे से हमला और 7.1 प्रतिशत दुष्कर्म के थे। 2022 में महिलाओं के विरुद्ध अपराध की दर सबसे अधिक दिल्ली में 144.4 दर्ज की गई जो देश की औसत दर 66.4 से काफी अधिक थी। 2022 में दिल्ली में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के 14,247 मामले पंजीकृत किए गए।
सिर्फ बंगाल में दर्ज किए गए देशद्रोह के 25 प्रतिशत मामले
2022 में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश (65,743) में दर्ज किए गए। इसके बाद महाराष्ट्र (45,331), राजस्थान (45,058), बंगाल (34,738) और मध्य प्रदेश (32,765) का स्थान है। इन पांच राज्यों में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के कुल 50.2 प्रतिशत मामले दर्ज हुए।आंकड़ों के मुताबिक, देश में 2021 में बच्चों के विरुद्ध अपराधों के 1,49,404 मामले पंजीकृत हुए थे जो 2022 में बढ़कर 1,62,449 हो गए।सबसे ज्यादा मामले अपहरण के थे। जुवेनाइल के विरुद्ध दर्ज मामलों में दो प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। 2021 में जुवेनाइल के विरुद्ध 31,170 मामले पंजीकृत किए गए थे जो 2022 में घटकर 30,555 रह गए।साइबर अपराध के 2021 के 52,974 मामलों के मुकाबले 2022 में कुल 65,893 मामले दर्ज किए गए।
2022 में दर्ज कुल मामलों में से 64.8 प्रतिशत धोखाधड़ी के उद्देश्य से किए गए अपराधों के थे। महानगरों में साइबर अपराध के मामलों में 2021 के मुकाबले 2022 में 42.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। 2022 में महानगरों में सबसे अधिक साइबर अपराध के मामले बेंगलुरु में 9,940 दर्ज किए गए।
इसके बाद मुंबई में 4,724; हैदराबाद में 4,436 और नई दिल्ली में 685 मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2022 में भारतीय दंड संहिता की धारा-124ए के तहत राजद्रोह के 20 मामले दर्ज किए, जबकि 2021 में 76 और 2020 में 73 मामले दर्ज किए गए थे। 2022 में राजद्रोह के सबसे ज्यादा मामले बंगाल (5) में दर्ज किए गए।
इसके बाद जम्मू-कश्मीर, मणिपुर और उत्तर प्रदेश में तीन-तीन मामले दर्ज किए गए। वहीं, यूएपीए के तहत 2022 में 1,005 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में 814 और 2020 में 796 मामले दर्ज किए गए थे। सरकारी गोपनीयता कानून के तहत 2022 और 2021 में 55-55 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2020 में 39 मामले दर्ज किए गए थे।