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Hyderabad Cyber Crime: हैदराबाद बना साइबर अपराध का केंद्र, हर दिन दर्ज होती हैं लगभग 100 FIR; UPI फ्रॉड में भी अव्वल

Hyderabad Cyber Crime देश में साइबर अपराध के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। तेलंगाना में साइबर अपराध के मामलों में बीत कुछ दिनों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद में हर पांचवी FIR साइबर अपराध से संबंधित दर्ज की जाती है।

By Mohd FaisalEdited By: Updated: Sun, 28 Aug 2022 02:06 PM (IST)
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Hyderabad Cyber Crime: हैदराबाद बना साइबर अपराध का केंद्र (फाइल फोटो)
हैदराबाद, एजेंसी। Hyderabad Cyber Crime- जैसे-जैसे मानव जीवन तेजी से डिजिटल होता जा रहा है, वैसे-वैसे ही साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहा है। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में बीते कुछ समय से साइबर धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़े हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के लिए एक प्रमुख केंद्र होने के अलावा हैदराबाद साइबर अपराध का एक प्रमुख केंद्र भी बन गया है, बता दें कि हैदराबाद में राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 10 प्रतिशत साइबर धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए जाते हैं। 

साइबर अपराधों में 10 प्रतिशत का रहा योगदान

दरअसल, इंटरनेट एक्सेस को सक्षम करने वाले इलेक्ट्रानिक उपकरणों के व्यापक उपयोग से साइबर अपराधों के लिए व्यक्तियों और संगठनों के जोखिम में वृद्धि हुई है। बैंकों और कंपनियों से लेकर छात्रों, गृहिणियों और वरिष्ठ नागरिकों जैसे व्यक्तियों तक भारत में दूरस्थ स्थानों से संचालित साइबर अपराधियों का शिकार हो रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, तेलंगाना में 2020 में देश भर में दर्ज किए गए साइबर अपराधों में 10 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया है।

तेलंगाना में तेजी से बढ़े साइबर अपराध के मामले

एनसीआरबी द्वारा जारी भारत-2020 रिपोर्ट में अपराध के अनुसार, तेलंगाना में 2019 में 2,691 मामले दर्ज किए गए है। प्रति लाख जनसंख्या पर 13.4 मामलों की दर से 2020 में यह संख्या बढ़कर 5,024 हो गई है। 2021 के दौरान तेलंगाना में साइबर अपराध दोगुने हुए हैं। इस वर्ष के दौरान कुल मिलाकर 8,828 साइबर अपराध दर्ज किए गए हैं। जिनमें 1,191 आनलाइन धोखाधड़ी के मामले थे। प्रमुख अपराधों में ग्राहक सेवा धोखाधड़ी, विज्ञापन पोर्टल धोखाधड़ी, नौकरी धोखाधड़ी, ऋण धोखाधड़ी और बैंक से संबंधित धोखाधड़ी शामिल हैं।

2020 के बाद साइबर अपराध की FIR में हुई वृद्धि

पुलिस के अनुसार, अधिकांश घोटालों में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) योजनाएं शामिल हैं, जिसमें धोखेबाज पीड़ितों से भुगतान प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड स्कैन करने और फिर उन्हें पैसे भेजने के लिए धोखा देते हैं। हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद के मुताबिक, हैदराबाद पुलिस ने अकेले साइबर अपराध के 5,646 मामले दर्ज किए हैं, जो 2020 में दर्ज 1,379 मामलों की तुलना में काफी ज्यादा है। हैदराबाद में हर पांचवीं FIR साइबर अपराध से संबंधित हैं। शहर में हर दिन लगभग 100 प्राथमिकी दर्ज होती है और उनमें से लगभग 20 प्रतिशत सोशल मीडिया धोखाधड़ी, वित्तीय धोखाधड़ी, हैकिंग और यौन उत्पीड़न जैसे साइबर अपराधों के बारे में हैं।

UPI फ्रॉड का शिकार होते हैं लोग

एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, सभी साइबर अपराध के मामलों में लगभग 45 प्रतिशत UPI घोटाले होते हैं। इसके बाद 15 प्रतिशत ओटीपी धोखाधड़ी, फोन ग्राहक सेवा, निवेश धोखाधड़ी और अन्य साइबर अपराध के मामले सामने आए हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान साइबर अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई, क्योंकि कई वरिष्ठ नागरिक बाहर जाने से बच रहे थे और इसके बजाय इंटरनेट पोर्टल का उपयोग करके अपने घरों से भुगतान कर रहे थे। इस साल की शुरुआत में हैदराबाद में एक सनसनीखेज मामला देखा गया, जिसमें हैकर्स ने एपी महेश को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक के सर्वर में सेंध लगाई और धोखाधड़ी से 12.48 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए।