जानिए कैसे पाकिस्तान और चीन जा रही साइबर क्राइम से ठगी की राशि, अब तक करीब 70 करोड़ रुपये भेजे जाने की संभावना
अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों ने केमैन आइसलैंड को भारत से ठगी राशि हस्तांतरण का मुख्य स्थान बना रखा है। यहां क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से भारत से ठगी राशि प्राा की जा रही है। अब तक लगभग 70 करोड़ रुपये की रकम भेजे जाने की संभावना है।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Tue, 13 Jul 2021 07:32 AM (IST)
मोहम्मद रफीक, भोपाल। साइबर अपराधों में अब तक यही माना जाता था कि आनलाइन राशि निकालने के मामले में आर्थिक नुकसान होता है, लेकिन यह संकट इससे कहीं अधिक बड़ा है। पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के साइबर अपराधी इसमें शामिल हो गए हैं और देश के लोगों से ठगा पैसा इन देशों में पहुंचने की पुष्टि हो चुकी है। जांच एजेंसियों को शक है कि देश से ठगा पैसा इन देशों के आतंकी हमारे खिलाफ ही उपयोग कर सकते हैं। हालांकि इस बारे में अधिकृत बयान नहीं दिया गया है, लेकिन आशंका से जांच एजेंसी इन्कार नहीं कर रही हैं।
मालूम हो, भोपाल के एक व्यवसायी से मसालों की आनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर आनलाइन ठगी की गई। जब मध्य प्रदेश की राज्य साइबर सेल ने इसकी जांच की तो पता चला कि क्रिप्टो करेंसी (आभासी मुद्रा) के माध्यम से यह राशि देश के बाहर भेजी जा चुकी है। इसमें पाकिस्तान और चीन के एक नागरिक भी प्रमुख भूमिका रही है। पाकिस्तान और चीन के नागरिक की संलिप्तता सामने आते ही जांच एजेंसी सतर्क हो गई है और वह यह पता लगाने में जुटी है कि यह सामान्य ठगी का मामला है या इसके पीछे देश विरोधी गतिविधियों के संचालन की कोई भूमिका है।
सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय स्तर पर भी इस तरह के घटनाक्रम पर संज्ञान लिया गया है। राज्य साइबर सेल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योगेश चौधरी ने बताया कि आनलाइन ठगी के मामले में पाकिस्तान और चीन के नागरिक की भूमिका की जानकारी हमारे पास है। इस राशि के देश विरोधी गतिविधियों में उपयोग को लेकर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है, लेकिन मामले में गुरुग्राम, दिल्ली और राजकोट से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच अभी जारी है।
केमैन आइसलैंड में प्राप्त की जा रही ठगी गई राशि अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों ने केमैन आइसलैंड को भारत से ठगी राशि हस्तांतरण का मुख्य स्थान बना रखा है। यहां क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से भारत से ठगी राशि प्राा की जा रही है। अब तक लगभग 70 करोड़ रुपये की रकम भेजे जाने की संभावना है। इस मामले में बीनांस नामक क्रिप्टो करेंसी का एक्सचेंज शामिल है। पहले इसका मुख्यालय चीन में हुआ करता था, लेकिन चीन में क्रिप्टो करेंसी को लेकर सख्त कानून आने के बाद यह एक्सचेंज का मुख्यालय केमैन आइसलैंड में बना लिया है। इस देश में इस तरह के ऑपरेशन किए जा सकते हैं।
विशेषज्ञ की राय राष्ट्रीय स्तर पर जांच हो चीन और पाकिस्तान की संलिप्तता होने से मामला गंभीर है। अंतरराष्ट्रीय स्तर का मामला होने से इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंप देनी चाहिए। सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक अण गुर्टू ने बताया कि देशविरोधी गतिविधियों में इस प्रकार की राशि का दुपयोग होने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है।