चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने गिराया तापमान, मानसून को मिल सकती है गति; बिहार-UP में 22-23 जून को दे सकता है दस्तक
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक डा. मृत्युंजय महापात्र के अनुसार गुजरात में अति प्रचंड चक्रवात गुरुवार रात 11.30 बजे तट से टकराने के बाद अब कमजोर पड़ चुका है। अब यह उत्तर-पूर्व की ओर 10 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 16 Jun 2023 10:39 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गुजरात और महाराष्ट्र में बर्बादी की वर्षा के बाद अरब सागर के चक्रवात से उत्तर भारत के बड़े क्षेत्र को राहत मिलने जा रही है। दिल्ली-एनसीआर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं दक्षिण हरियाणा के अधिकतम तापमान में अभी से गिरावट देखी जा रही है। दो-तीन दिनों में इन क्षेत्रों में अच्छी वर्षा का अनुमान है।
बंगाल की खाड़ी से आगे बढ़ने के बावजूद चक्रवात के प्रभाव के कारण पूर्वी बिहार में 12 जून से अटके हुए मानसून को भी रास्ता मिलने वाला है।
मौसम पर नजर रखने वाली निजी एजेंसी स्काइमेट का कहना है कि 22 से 23 जून तक मानसून बिहार के साथ उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में भी आ जाएगा। पहले इसी एजेंसी ने छह जुलाई तक मानसून के कमजोर रहने का अनुमान लगाया था, किंतु अब उसका कहना है कि चक्रवात के उत्तर-पूर्व की ओर तेजी से खिसकने के कारण मानसून के अनुकूल स्थिति बन गई है।
इन इलाकों को करना पड़ेगा मानसून का इंतजार
स्काइमेट के प्रवक्ता महेश पलावत ने बताया,
इस दौरान स्थानीय कारणों से वर्षा होती रहेगी, लेकिन चक्रवाती हवा से मुक्त होने के साथ ही गुजरात-राजस्थान के साथ मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ का एक बड़ा क्षेत्र ज्यादा शुष्क हो जाएगा। ऐसे में तापमान बढ़ सकता है। फसलों की अभी से ही तैयारी कर लेनी चाहिए।गुजरात में चक्रवात के टकराने से पहले तक की स्थितियां मानसून के अनुकूल नहीं थीं, लेकिन अब केरल से लेकर कर्नाटक तक मानसून आगे बढ़ेगा। अवरोध हटने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों में मानसूनी हवा मजबूत होकर बिहार-झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक पहुंच सकती है। हालांकि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा को अभी मानसून के लिए इंतजार करना पड़ेगा।
क्या है तूफान का हाल?
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक डा. मृत्युंजय महापात्र के अनुसार, गुजरात में अति प्रचंड चक्रवात गुरुवार रात 11.30 बजे तट से टकराने के बाद अब कमजोर पड़ चुका है। अब यह उत्तर-पूर्व की ओर 10 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है, लेकिन इसकी हवा की गति अभी भी 70 से 90 किमी प्रतिघंटे है।कच्छ एवं जखाऊ पोर्ट के पास टकराने के समय इसकी गति प्रतिघंटा 140 किमी थी। अभी भी सौराष्ट्र एवं राजस्थान के कुछ हिस्सों में तेज हवा चल रही है। शनिवार को भी इसकी गति 60 से 70 किमी तक रह सकती है।