Cyclone Biparjoy: सरकार की पूर्व तैयारी ने चक्रवात से लड़ने में की मदद, 'अर्ली वार्निंग सिस्टम' बना संकटमोचन
गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि देवभूमि द्वारका में सेना की टीमें उखड़े हुए पेड़ों और बिजली के खंभों को हटाने में जुटी हुई हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया संगठनों से कहा है कि चक्रवात की रिपोर्टिंग में तैनात किए गए मीडियाकर्मी सतर्कता बरतें।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Fri, 16 Jun 2023 07:11 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गुजरात के तटीय इलाकों के साथ देश के कुछ अन्य हिस्सों के लिए चुनौती बने चक्रवात बिपरजॉय से मुकाबले की तैयारी में बड़ा योगदान पिछले कुछ वर्षों में आपदा प्रबंधन की दिशा में उठाए गए अहम कदमों का भी है। ये कदम नीति के स्तर पर सक्रियता के साथ संसाधन बढ़ाने व तकनीक में सुधार पर केंद्रित हैं।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम गुजरात में तैनात
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आपदाओं से निपटने के लिए न केवल राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को सशक्त किया है, बल्कि राज्यों को भी सहायता दी है। गुजरात में बिपरजॉय की चुनौती से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के साथ पहले से संवाद शुरू कर दिया था।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने भी समीक्षा बैठक की। एनडीआरएफ की 15 और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 12 टीमें गुजरात में तैनात की गई हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार यह सब पूर्व चेतावनी व पूर्व तैयारी आधारित दृष्टिकोण के तहत किया गया है।
देशभर में 200 एग्रो एडब्ल्यूएस सिस्टम लगाए गए
एक मजबूत अर्ली वार्निंग सिस्टम व फर्स्ट रेसपांडर व्यवस्था लागू करने से आपदा का मुकाबला करने में बड़ी सफलता मिली है। इन्हीं प्रयासों का प्रतिफल है कि चक्रवातों के कारण जानमाल के नुकसान में 98 प्रतिशत की कमी आई है।
पिछले नौ वर्षों में 22 डॉप्लर वेदर रडार लगाए गए हैं, जबकि आटोमेटिक वेदर सिस्टम (एडब्ल्यूएस) की संख्या 808 तक पहुंच गई है। पूरे देश में 200 एग्रो एडब्ल्यूएस सिस्टम लगाए गए हैं। 2014 के पहले एक भी नहीं था। अधिकारियों ने कहा पीएम ने आपदा प्रबंधन पर जोर दिया है।
फरवरी, 2021 में नेशनल डिजास्टर मिटिगेशन फंड का गठन किया गया। इसके तहत 13,693 करोड़ आवंटित किए जा चुके हैं। आपदा निधि वितरण में संप्रग सरकार की तुलना में तीन गुना से अधिक बढ़ोतरी हुई है।