साल भर में कई बार चक्रवाती तूफानों ने मचाई तबाही, सैकड़ों मौतें और करोड़ों का नुकसान; भारत के लिए क्यों खतरनाक है साइक्लोन
Cyclone In India मालूम हो कि यह मिचौंग चक्रवाती तूफान इस साल का छठा चक्रवाती तूफान है। इससे पहले मई में मोचा जून में बिपरजॉय अक्टूबर में तेज और हामून नवंबर में मिधिली और अब दिसंबर में मिचौंग आया है। जानकारी के मुताबिक वहां पर हजारों लोगों के जीवन पर इसका असर दिखा था और उनका जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Cyclone in India: दक्षिण भारत के तटीय राज्यों में मिचौंग तूफान ने तबाही मचा दी है। इस चक्रवाती तूफान को लेकर भारतीय मौसम विभाग ने कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी से उठा यह चक्रवाती तूफान किसी भी वक्त दक्षिण आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटों से टकरा सकता है।
सैकड़ों ट्रेनें रद्द 70 से अधिक उड़ानें रद्द
तूफान से पहले प्रदेश में भारी बारिश के कारण चेन्नई शहर डूब-सा गया है। हर तरफ गाड़ियां, घर, पेड़-पौधे सब कुछ पानी में बहते नजर आ रहे हैं। प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए प्रदेश भर के स्कूलों और दफ्तरों को बंद कर दिया है और सभी बचाव कर्मियों का दल अलर्ट मोड पर है। इतना ही नहीं, इस खतरे को देखते हुए सैकड़ों ट्रेनें और 70 से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया है।
मालूम हो कि यह मिचौंग चक्रवाती तूफान इस साल का छठा चक्रवाती तूफान है। इससे पहले मई में मोचा, जून में बिपरजॉय, अक्टूबर में तेज और हामून, नवंबर में मिधिली और अब दिसंबर में मिचौंग आया है।
मई में आया था मोचा चक्रवाती तूफान से कई देशों को खतरा
मई में मोचा तूफान को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया था। इसको लेकर 10-15 मई तक भारी बारिश और तेज हवाओं को लेकर चेतावनी दी गई थी। हालांकि, इस तूफान ने भारत में ज्यादा तबाही नहीं मचाई थी, लेकिन फिर भी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
इस चक्रवाती तूफान का सबसे ज्यादा असर भारत के पड़ोसी देशों म्यांमार और बांग्लादेश में देखने को मिला है। जानकारी के मुताबिक, वहां पर हजारों लोगों के जीवन पर इसका असर दिखा था और उनका जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था।
जून में बिपरजॉय ने गुजरात और आसपास के क्षेत्रों में मचाया था तांडव
जून में अरब सागर से उठा समुद्री तूफान बिपरजॉय ने गुजरात में काफी तांडव मचाया था। 15 जून को बिपरजॉय तूफान ने गुजरात में अपना विकराल रूप ले लिया था। इस तूफान से प्रदेश भर में लगातार तेज बारिश और तेज गति से हवाएं चल रही थी। उस दौरान पूरे क्षेत्र में करोड़ों का नुकसान हुआ था। हालांकि, किसी के मारे जाने की कोई करोड़ों का नुकसान हुआ था। इसका असर गुजरात के आसपास भी देखने को मिला था, हालांकि, यह चक्रवाती तूफान ज्यादा लंबे समय तक नहीं टिका था।
अक्टूबर में तेज और हामून को लेकर आया था अलर्ट
अक्टूबर में भारतीय मौसम विभाग ने तेज और हामून को लेकर अलर्ट जारी कर दिया था। गहरे दबाव के रूप में 25 अक्टूबर की शाम के आसपास खेपुपारा और चटगांव के बीच बांग्लादेश तट के पास इस चक्रवाती तूफान ने अपनी गति तेज कर दी थी और आगे बढ़ रहा था।
इसको लेकर भारत के तटीय इलाके पर प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया था और समुद्री के आसपास लोगों की आवाजाही बंद कर दी थी। उस दौरान ओडिशा तट, उत्तरी बंगाल की खाड़ी और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में नहीं जाने की सलाह दी गई थी। कोलकाता, दक्षिण 24 परगना जिलों के कुछ हिस्सों और पूर्व मेदिनीपुर के इलाकों में भारी बारिश के साथ तेज बिजली की कड़क भी सुनाई दी थी।
नवंबर में मिधिली चक्रवाती तूफान का दिखा था असर
नवंबर के अंत में मिधिली चक्रवाती तूफान का असर देखने को मिला था। पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में भारी से बहुत बारिश होने की संभावना दी गई थी। हालांकि, इसके असर को लेकर पूर्वी मेदिनीपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में अलर्ट जारी किया गया था। पश्चिम मिदनापुर, कोलकाता, हावड़ा, पूर्वी बर्दवान और नादिया जैसे अन्य जिलों में बारिश का असर दिखा था। इसके साथ ही 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं और बिजली की कड़क देखी गई थी।
मिचौंग तूफान से अब तक 8 लोगों की मौत
मिचौंग तूफान को लेकर दक्षिण भारत के तटीय इलाकों में अलर्ट है। तमिलनाडु के चेन्नई शहर का हाल बेहाल हो चुका है। अब यह तूफान आज (15.12.2013) की दोपहर लगभग 2.30 बजे तक आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ जाएगा। अब तक इस तूफान से आठ लोगों की मौत हो गई है। वहीं, आशंका जताई जा रही है कि इस तूफान से और भी तबाही मचाने वाली है।
प्रशासन, राज्य सरकार और केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर है। सभी की जान की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयारियां की गई हैं और जितना संभव हो रहा है, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
लगातार क्यों आ रहे चक्रवाती तूफान?
इस साल लगातार छह चक्रवाती तूफानों ने देश और उसके आसपास के देशों में भारी तबाही मचाई है। इसका सबसे बड़ा कारण ग्लोबल वार्मिंग है। बंगाल की खाड़ी की तरह अरब सागर गर्म नहीं है, लेकिन अब धीरे-धीरे अरब सागर का तापमान भी बढ़ने लगा है। पहले जहां बंगाल की खाड़ी में तीन-चार चक्रवाती तूफान बनते थे, वहां अरब सागर में एक भी चक्रवाती तूफान देखने को नहीं मिलता था। हालांकि, अब ऐसा नहीं रहा।
भारत के लिए खतरनाक क्यों है चक्रवाती तूफान?
भारत तीन तरफ से समुद्र से घिरा है, जिसके कारण भारत पर साइक्लोन का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। भारत का तटीय क्षेत्र 7,516 किमी तक फैला हुआ है। ऐसे में जब भी हिंद महासागर या अरब सागर में कोई चक्रवात बनता है, तो वह भारत के लिए बड़ा खतरा बन जाता है, क्योंकि इस क्षेत्र में भारत की आबादी का लगभग एक-तिहाई हिस्सा रहता है।