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अरब सागर के चक्रवात ने रोकी मानसून की प्रगति, उत्तर-पूर्वी के इन राज्यों को करना पड़ सकता है सूखा का सामना

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस वर्ष के लिए सामान्य वर्षा का अनुमान जारी किया है।स्काइमेट के प्रवक्ता महेश पलावत के अनुसार इस दौरान जहां-तहां अगर वर्षा होगी भी तो वह स्थानीय हवा के अनुकूल होने के चलते होगी। मानसून के चलते नहीं।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 14 Jun 2023 11:18 PM (IST)
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छह जुलाई तक मानसून की प्रगति संतोषजनक नहीं होगी: स्काइमेट।(फोटो जागरण)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अरब सागर के चक्रवात ने पहले तो मानसून को तय समय पर केरल में ही प्रवेश से रोक दिया और अब आगे बढ़ने से भी रोक रखा है। यह वही समय है, जब मैदानी क्षेत्रों में खरीफ फसलों की बुवाई एवं रोपाई जारी रहती है। ऐसे में पर्याप्त वर्षा के अभाव में कृषि पर प्रारंभिक संकट से इनकार नहीं किया जा सकता है।

छह जुलाई तक मानसून की प्रगति संतोषजनक नहीं होगी: स्काइमेट

चिंता की बात है कि मानसून तीन सप्ताह तक बेहद कमजोर रह सकता है। बंगाल की खाड़ी तक तेजी से पहुंचने के बाद भी यह अभी तक जहां है, वहीं थम सा गया है। मौसम पर नजर रखने वाली निजी एजेंसी स्काइमेट का अनुमान है कि छह जुलाई तक मानसून की प्रगति संतोषजनक नहीं होगी।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस वर्ष के लिए सामान्य वर्षा का अनुमान जारी किया है।स्काइमेट के प्रवक्ता महेश पलावत के अनुसार इस दौरान जहां-तहां अगर वर्षा होगी भी तो वह स्थानीय हवा के अनुकूल होने के चलते होगी। मानसून के चलते नहीं।

एक जून तक केरल में प्रवेश करेगी मानसून

पहले ही सात दिनों के विलंब से चल रहे मानसून की गति सुस्त पड़ जाने से उत्तर-पूर्वी राज्यों को सूखे का सामना करना पड़ सकता है।

केरल में मानसून के प्रवेश की तय तिथि एक जून है, लेकिन इस बार आठ जून को पहुंचा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अरब सागर के दक्षिणी हिस्से में जब चक्रवात पनप रहा था तो उसी समय मानसून के भी भारतीय महाद्वीप में प्रवेश हो रहा था।

मानसून के लिए बंगाल की खाड़ी में नहीं बन पा रही अनुकूल स्थितियां

चक्रवात के मजबूत होते ही मानसून उत्तर-पूर्व और दक्षिणी-पश्चिमी तटों से आगे नहीं बढ़ पाया है। बंगाल की खाड़ी में अनुकूल स्थितियां नहीं बन पा रही हैं, जिसके चलते मानसून के आगे बढ़ने एवं मजबूत होने के संकेत नहीं हैं।

सामान्य तौर पर मानसून जून के मध्य तक महाराष्ट्र, ओडिशा एवं मध्य प्रदेश से आगे बढ़ते हुए संपूर्ण बिहार-झारंखड एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों तक पहुंच जाता है, किंतु दो-तीन दिन पहले तक बिहार के पूर्णिया एवं कटिहार तक पहुंचने के बाद भी आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

मैदानी इलाकों में गर्म के चलते लू की स्थिति बनी हुई

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि चक्रवात ने मानसूनी हवा में नमी की मात्रा को कम कर दिया है। यही कारण है कि मैदानी इलाकों में अभी जहां वर्षा होनी चाहिए थी वहां का मौसम साफ है और पश्चिम की ओर से चलने वाली गर्म के चलते लू की स्थिति बनी हुई है।

आइएमडी ने अगले पांच दिनों तक बिहार, यूपी, झारखंड एवं ओडिशा में कई जगहों पर तामपान के 40 डिग्री से ऊपर बने रहने की आशंका व्यक्त की है।