Cyclone Sitrang:चक्रवात सितरंग ले रहा विकराल रूप, जानें- कहां पहुंचा तूफान, कब और कहां टकराएगा?
Cyclone Sitrang Update News मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि पश्चिम बंगाल में यह तूफान खतरनाक रूप ले सकता है। इसके प्रभाव से बंगाल ओडिशा के तटीय इलाकों सहित कई राज्यों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Mon, 24 Oct 2022 02:11 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिवाली पर खतरनाक चक्रवात तूफान ‘सितरंग‘ का प्रभाव (Effect of Sitrang) और दिखने लगा है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि पश्चिम बंगाल में यह तूफान खतरनाक रूप ले सकता है। इसके प्रभाव से बंगाल, ओडिशा के तटीय इलाकों सहित कई राज्यों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है। इस दौरान समुद्री लहरों भी उठेंगी।
फिलहाल बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक दबाव बना रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक यह दबाव धीरे धीरे उत्तर पूर्व की ओर बढ़ेगा और चक्रवाती तूफान (cyclonic storm) के रूप में तब्दील हो जाएगा। वहीं 25 अक्टूबर को यह तूफान बांग्लादेश तट को पार कर जाएगा। बांग्लादेश में यह तिनकोना द्वीप और सान द्वीप से होते हुए निकलेगा। हालात को देखते हुए मौसम विभाग ने इससे प्रभावित इलाकों के लिए अलर्ट (Weather Alert)जारी किया है।
दिवाली की रात टकरा सकता है बंगाल के तट से
इस तूफान के दिवाली की देर रात को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट से टकराने की आशंका है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस दौरान 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बारिश होने के आसार हैं। सबसे ज्यादा असर सुंदरबन और पूर्वी मिदनापुर के तटीय इलाकों पर पड़ सकता हैं। मौसम विभाग के मुताबिक तूफान 25 अक्टूबर की तड़के बांग्लादेश के तिकोणा और संद्वीप के बीच तट से टकराएगा।विभाग ने बताया कि तूफान सोमवार की सुबह सागर द्वीप से लगभग 430 किलोमीटर दक्षिण केंद्रित था। मौसम विज्ञान कार्यालय ने बताया कि 'सितरंग' तूफान की गति और बढ़ेगी और यह गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है जिससे सोमवार को दक्षिणी 24 परगना, उत्तरी 24 परगना और मिदनापुर जैसे तटीय जिलों में मूसलाधार बारिश हो सकती है और 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चल सकती है।
यह भी पढ़ेंः कटरीना, लीजा, लैरी, बुलबुल ये हैं चक्रवातों के नाम, किस आधार पर तय होते हैं इन तूफानों के नाम
इन राज्यों में चक्रवात का असर सबसे अधिक
चक्रवात के असर से कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इनमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में आज रात बारिश हो सकती है। वहीं 25 अक्तूबर को यह तेज रफ्तार पकड़ लेगी। यह भी पढ़ेंः बंगाल की तरफ बढ़ रहा तूफान सीतरंग, इन राज्यों में मचा सकता है तबाही, पढ़ें- IMD का ताजा अपडेटदो दिन मछुआरों को समुद्र के पास न जाने को कहा गया
अधिकारियों ने बताया कि इस तूफान की वजह से उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना में मंगलवार को भी मूसलाधार बारिश जारी रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने बताया कि कोलकाता और उससे सटे हावड़ा तथा हुगली जिलों में भी सोमवार को मध्यम दर्जे की बारिश होने का अनुमान है। कोलकाता में 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती है जहां पर कालीपूजा के लिए पंडाल लगाए गए हैं। इस बीच, मछुआरों को 24 और 25 अक्टूबर को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।12 घंटे में तूफान होगा तेज
मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात 'सितरंग' पिछले 6 घंटे के दौरान 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है। इसके अगले 12 घंटों के दौरान एक गंभीर चक्रवाती तूफान में और तेज होने की उम्मीद है। उत्तर तटीय ओडिशा में कुछ भारी वर्षा की गतिविधि होने की उम्मीद है। पश्चिम बंगाल और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों, विशेष रूप से त्रिपुरा, मेघालय और दक्षिण असम में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है।चक्रवात क्या होते हैं और ये बनते कैसे हैं?
- साइक्लोन शब्द ग्रीक भाषा के साइक्लोस (Cyclos) से लिया गया है, जिसका अर्थ है सांप की कुंडलियां। इसे ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में ट्रोपिकल साइक्लोन समुद्र में कुंडली मारे सांपों की तरह दिखाई देते हैं।
- चक्रवात एक गोलाकार तूफान (सर्कुलर स्टॉर्म) होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं। जब ये चक्रवात जमीन पर पहुंचते हैं, तो अपने साथ भारी बारिश और तेज हवाएं लेकर आते हैं। ये हवाएं उनके रास्ते में आने वाले पेड़ों, गाड़ियों और कई बार तो घरों को भी तबाह कर सकती हैं।
- चक्रवात समुद्र के गर्म पानी के ऊपर बनते हैं। समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से ऊपर उठती है। इससे उस हवा का एरिया खाली हो जाता है और नीचे की तरफ हवा का प्रेशर यानी वायु दाब कम हो जाता है।
- इस खाली जगह को भरने के लिए आसपास की ठंडी हवा वहां पहुंचती है। इसके बाद ये नई हवा भी गर्म और नम होकर ऊपर उठती है।
- इसका एक साइकिल शुरू हो जाता है, जिससे बादल बनने लगते हैं। पानी के भाप में बदलने से और भी बादल बनने लगते हैं। इससे एक तूफान चक्र बन जाता है, जो धरती के घूमने के साथ ही घूमते रहते हैं।
- तूफान सिस्टम के तेजी से घूमने की वजह से उसके सेंटर में एक आई बनता है। तूफान के आई को उसका सबसे शांत इलाका माना जाता है, जहां हवा का दबाव सबसे कम होता है।
- ये तूफान सिस्टम हवा की स्पीड 62 किमी/घंटे होने तक उष्णकटिबंधीय तूफान कहलाते हैं। हवा की रफ्तार 120 किमी/घंटे पहुंचने पर ये तूफान चक्रवात बन जाते हैं।
- साइक्लोन आमतौर पर ठंडे इलाकों में नहीं बनते है, क्योंकि इन्हें बनने के लिए गर्म समुद्री पानी की जरूरत होती है। लगभग हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सतह का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है।
- इसीलिए साइक्लोन को उष्णकटिबंधीय चक्रवात भी कहा जाता है। उष्णकटिबंधीय इलाके आमतौर गर्म होते हैं, जहां साल भर औसत तापमान 18 डिग्री से कम नहीं रहता।