'वायु' ने बदला रास्ता, गुजरात ने ली राहत की सांस, सौराष्ट्र में अब भी भारी बरसात की चेतावनी
राज्य सरकार ने पहले ही निचले इलाकों से तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। भारत लौटते ही पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से फोन पर हालात की जानकारी ली।
By Manish PandeyEdited By: Updated: Thu, 13 Jun 2019 09:49 PM (IST)
अहमदाबाद, प्रेट्र। पिछले तीन-चार दिनों से भय और दहशत का माहौल बनाने वाले चक्रवाती तूफान 'वायु' ने आखिरी वक्त में अपना रास्ता बदलकर गुजरात और दीव के लोगों के साथ ही साथ केंद्र और राज्य सरकारों को बड़ी राहत दे दी। चक्रवात के ओमान की तरफ बढ़ जाने से फिलहाल खतरा टल गया है। लेकिन सौराष्ट्र में आगामी 24 घंटे में भारी बरसात की चेतावनी दी गई है।
कुछ तटवर्ती इलाकों में भारी बारिश शुरू भी हो गई है। राज्य सरकार ने पहले ही निचले इलाकों से तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। भारत लौटते ही पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से फोन पर हालात की जानकारी ली।मुख्यमंत्री रूपाणी ने गांधीनगर में हाई पावर कमेटी की बैठक में चक्रवात के हालात की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि चक्रवात का खतरा टल गया है, लेकिन तटीय जिलों में प्रशासन को अलर्ट रखा गया है।
मुख्य सचिव जेएन सिंह ने कहा कि भले ही खतरा टल गया है, लेकिन बचाव के लिए सभी उपाय शुक्रवार सुबह तक यथावत बने रहेंगे। सरकार ने द्वारका, पोरबंदर, वेरावल, सोमनाथ व अमरेली में दस इंच से अधिक वर्षा की चेतावनी के चलते सुरक्षा व बचावकर्मियों को शुक्रवार सुबह तक अपनी जगह पर ही बने रहने के निर्देश दिए हैं।
चक्रवात के असर से बीते 24 घंटे में राज्यभर के मौसम में बदलाव आया है। सौराष्ट्र के तटवर्ती क्षेत्रों में तेज आंधी चल रही है और समुद्र में 20 से 25 फीट ऊंची की लहरें उठ रही हैं। चक्रवात के प्रभाव से गुजरात के साथ ही राजस्थान में तेज अंधड व भारी बरसात होने की आशंका है।
राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार ने बताया कि यह अति भयानक चक्रवात है, जब तक पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो जाते तब तक सरकार व प्रशासन अलर्ट पर है। समुद्र तटों पर सबसे खतरनाक 9 नंबर का सिग्नल लगाया जा चुका है।
सशस्त्र बलों और कोस्ट गार्ड की मदद लेने के साथ ही राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 33 टीमों और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 10 टीमों (प्रत्येक में 90-100 जवान) को तटवर्ती जिलों में तैनात किया है। इसके अलावा सौराष्ट्र और कच्छ के विभिन्न इलाकों में सेना की 11 कॉलम (एक कॉलम में 70 जवान), बीएसएफ की दो कंपनियों, स्टेट रिजर्व पुलिस की 14 कंपनियों और तीन सौ कमांडों को तैनात किया है।अधिकारियों ने बताया कि वायु के चलते रेलवे ने एहतियातन 86 ट्रेनें रद की, जबकि 37 के रूट को कम कर दिया। कच्छ और सौराष्ट्र में सभी एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया था, इसलिए अहमदाबाद से इन क्षेत्रों की उड़ाने भी रद कर दी गई थीं।
वहीं, मौसम विभाग के निदेशक जयंत सरकार ने कहा कि अब चक्रवात पोरबंदर के समुद्री इलाके से गुजर जाएगा लेकिन उसका असर आगामी 15 जून तक गुजरात पर होगा। गुजरात के अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तरांखड आदि राज्यों में भी 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की आशंका है।इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश से लौटकर भारत की धरती पर पैर रखते ही गुजरात के मुख्यमंत्री रूपाणी को फोन कर गुजरात के हालात का जायजा लिया। मोदी ने केंद्र से हर संभव मदद का भी आश्वासन दिया।
रक्षा मंत्री ने नौसेना की तैयारियों की समीक्षा की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चक्रवात से बचाव के लिए नौसेना की तैयारियों की समीक्षा की। नौसेना मुख्यालय में हुई बैठक में नौसेना के अधिकारियों ने तैयारियों के बारे में रक्षा मंत्री को जानकारी दी।हजारों गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया
चक्रवाती तूफान वायु के चलते गर्भवती महिलाओं को भी भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। पोरबंदर, जूनागढ, जामनगर, गीर सोमनाथ, अमरेली आदि जिलों से अब तक 5600 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल अथवा सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया गया है। वेरावल रेंज से 13 शेरों को भी सुरक्षित स्थलों पर ले जाया गया। वन विभाग के कर्मचारियों को चक्रवात के हालात में चौबीसों घंटे गीर जंगल में निगरानी करते रहने को कहा गया है।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चक्रवात से बचाव के लिए नौसेना की तैयारियों की समीक्षा की। नौसेना मुख्यालय में हुई बैठक में नौसेना के अधिकारियों ने तैयारियों के बारे में रक्षा मंत्री को जानकारी दी।हजारों गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया
चक्रवाती तूफान वायु के चलते गर्भवती महिलाओं को भी भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। पोरबंदर, जूनागढ, जामनगर, गीर सोमनाथ, अमरेली आदि जिलों से अब तक 5600 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल अथवा सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया गया है। वेरावल रेंज से 13 शेरों को भी सुरक्षित स्थलों पर ले जाया गया। वन विभाग के कर्मचारियों को चक्रवात के हालात में चौबीसों घंटे गीर जंगल में निगरानी करते रहने को कहा गया है।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप