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DAC ने 2.23 लाख करोड़ के रक्षा खरीद प्रस्तावों को दी मंजूरी, 97 अतिरिक्त तेजस विमानों से बढ़ेगी IAF की ताकत

भारत सरकार ने भारतीय वायु सेना की ताकत को और भी ज्यादा बढ़ाने के लिए तेजस विमान और प्रचंड लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 97 अतिरिक्त तेजस लड़ाकू विमानों और लगभग 150 प्रचंड हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी। इससे भारतीय वायु सेना की ताकत और भी ज्यादा बढ़ जाएगी।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 30 Nov 2023 03:48 PM (IST)
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दुश्मनों की खैर नहीं! सुदृढ़ होगी IAF की ताकत (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने तीनों सेनाओं की सैन्य उपकरणों की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए लगभग 2.23 लाख करोड़ रुपए के रक्षा खरीद प्रस्तावों को प्रारंभिक मंजूरी दी है। इनमें 97 तेजस हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के साथ 156 प्रचंड हेलीकॉप्टरों की खरीद का प्रस्ताव भी शामिल है।

सुखोई-30 विमानों को किया जाएगा अपग्रेड

रक्षा खरीद परिषद (DAC) ने साथ ही सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है। देश की प्रमुख सरकारी ऐरोनॉटिक्स कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) सुखोई-30 विमानों को नई चुनौतियों के अनुरूप अपग्रेड करेगी। डीएसी ने एंटी टैंक गन सिस्टम और भारतीय नौसेना के लिए मध्यम दूरी की एंटी-शिप मिसाइलों के खरीद प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है।

डीएसी की बैठक में रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई डीएसी की बैठक में इन अहम रक्षा खरीद प्रस्तावों को प्रारंभिक मंजूरी दी गई। रक्षा मंत्रालय के अनुसार खास बात यह है कि 2.23 लाख करोड़ रुपए के इन पूंजीगत अधिग्रहण प्रस्तावों में से 2.20 लाख करोड़ रुपये (कुल राशि का 98 प्रतिशत) का अधिग्रहण घरेलू उद्योगों से लिया जाएगा। इस कदम से भारतीय रक्षा उद्योग को 'आत्मनिर्भरता' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा।

सेना के लिए खरीदे जाएंगे 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक डीएसी ने एचएएल से भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना के लिए लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) एमके -1 ए की खरीद के लिए प्रारंभिक स्वीकृति दे दी है। रक्षा मंत्रालय ने इनकी संख्या का उल्लेख नहीं किया है मगर आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वायुसेना के लिए 97 तेजस एलसीए मार्क1ए खरीदे जा रहे हैं, जबकि सेना और वायु सेना के लिए 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) प्रचंड खरीदे जा रहे हैं।

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वायुसेना प्रमुख ने फैसले को बताया ऐतिहासिक

मालूम हो कि फरवरी 2021 में रक्षा मंत्रालय ने वायुसेना के लिए 83 तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने डीएसी के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस खरीद के बाद वायुसेना में एलसीए मार्क-1 विमानों की संख्या 220 यानि 10 बेड़े की हो जाएगी। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि रिटायर हो रहे मिग 21 विमानों की जगह बेहतर एलसीए तेजस हमारे लिए बेहतर विकल्प है।

वायुसेना की ताकत में होगा भारी इजाफा

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इन उपकरणों की खरीद से भारतीय वायुसेना की ताकत में भारी इजाफा होगा तो दूसरी ओर घरेलू रक्षा उद्योगों से अधिग्रहण स्वदेशी क्षमता को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा और विदेशी रक्षा निर्माताओं पर से निर्भरता भी काफी हद तक कम हो जाएगी। रक्षा खरीद प्रस्तावों में दो प्रकार के एंटी-टैंक युद्ध सामग्री, एरिया डेनियल म्यूनिशन (ADM) टाइप- 2 और टाइप -3 की खरीद के लिए भी प्रारंभिक मंजूरी दी गई है।

अपनी सेवा अवधि पूरी कर चुकी इंडियन फील्ड गन (IFG) को बदलने के लिए, अत्याधुनिक टोड गन सिस्टम (TGS) की खरीद को भी हरी झंडी दी गई है जो भारतीय सेना के तोपखाने बलों का मुख्य आधार बन जाएगा। खरीद प्रस्तावों में टी-90 टैंकों के लिए स्वचालित लक्ष्य ट्रैकर (ATT) और डिजिटल बेसाल्टिक कंप्यूटर (DBC) की खरीद और एकीकरण की स्वीकृति भी दी गई है। यह प्रतिद्वंद्वी प्लेटफार्मों पर टी-90 टैंकों की लड़ाकू बढ़त बनाए रखने में मदद करेगा।

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वहीं, भारतीय नौसेना के सतह प्लेटफॉर्म के लिए मध्यम दूरी की एंटी-शिप मिसाइलों (MRASHM) की खरीद की प्रारंभिक स्वीकृति दी गई है जिसमें एमआरएएसएचएम की परिकल्पना एक हल्के सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के रूप में की गई है जो भारतीय नौसेना के जहाजों पर एक प्राथमिक आक्रामक हथियार होगा। डीएसी ने यह भी निर्णय लिया है कि अब से खरीद मामलों की सभी श्रेणियों में न्यूनतम 50 प्रतिशत खरीद स्वदेशी सामग्री के रूप में होगी।