हाथरस जाते हैं, पर तमिलनाडु का रास्ता क्यों भूले राहुल गांधी...; भाजपा ने कहा- DMK शासनकाल में बढ़ा दलित उत्पीड़न
भाजपा ने आरोप लगाया है कि द्रमुक सरकार के कार्यकाल में तमिलनाडु में दलित उत्पीड़न की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन ने खरगे और राहुल गांधी को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। पूछा है कि राहुल हाथरस तो जाते हैं लेकिन तमिलनाडु का रास्ता क्यों भूल गए? उन्होंने कहा कि पार्टी का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और मानवाधिकार आयोग से मुलाकात करेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। द्रमुक सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए भाजपा ने आरोप लगाया है कि इनके कार्यकाल में तमिलनाडु में दलित उत्पीड़न की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। प्रतिवर्ष दो हजार से अधिक मुकदमे ऐसे घटनाओं के दर्ज हो रहे हैं। पार्टी का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और मानवाधिकार आयोग से मिलकर कार्रवाई की मांग करेगा।
तमिलनाडु का रास्ता क्यों भूल गए राहुल गांधीः भाजपा
वहीं, केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। पूछा है कि राहुल हाथरस तो जाते हैं, लेकिन तमिलनाडु का रास्ता क्यों भूल गए?
तमिलनाडु में बसपा के प्रदेश अध्यक्ष टी.आर्मस्ट्रांग की हत्या के बाद वहां का दौरा कर बसपा प्रमुख मायावती ने दलित उत्पीड़न का मुद्दा उठाया। अब भाजपा ने भी इस घटना को उठाते हुए आरोप लगाया है कि राज्य में दलितों के साथ हर तरह से अत्याचार की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
जहरीली शराब कांड का दिलाया याद
भाजपा के केंद्रीय मुख्यालय में मंगलवार को केंद्रीय मंत्री मुरुगन ने कहा कि तीन साल से जब से स्टालिन सरकार आई है, तब से प्रतिवर्ष दो हजार से अधिक मुकदमे दलित उत्पीड़न के दर्ज हो रहे हैं।
हाल ही में हुए जहरीली शराब कांड में अनुसूचित जाति के 40 लोगों (कुल मृत्यु 70) की मौत का मामला याद दिलाया। साथ ही कहा कि बसपा के प्रदेश अध्यक्ष की भी दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। इस वर्ग के साथ जातिगत भेदभाव, शारीरिक उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं।
तमिलनाडु पर कांग्रेस ने साध रखी है चुप्पीः केंद्रीय मंत्री
उन्होंने 2022 में आई एक संस्था की रिपोर्ट का हवाला दिया कि अनुसूचित जाति के 22 पंचायत अध्यक्षों को उनके कार्यालयों में कुर्सी तक उपलब्ध नहीं कराई जाती। राज्य की कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़े करने के साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेताओं के तमिलनाडु पर चुप्पी साधने को लेकर भी निशाना साधा, क्योंकि द्रमुक भी आईएनडीआईए में सहयोगी दल है।