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केंद्र सरकार का अहम फैसला, बेंचमार्क दिव्यांगता वाले लोगों के लिए प्रमोशन में चार प्रतिशत आरक्षण तय, जारी किए निर्देश

Reservation on Benchmark Disabilities पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 34 में किए गए प्रावधानों के मुताबिक प्रमोशन में आरक्षण पर निर्देश जारी करे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Tue, 17 May 2022 10:15 PM (IST)
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केंद्र सरकार ने सभी विभागों में ऐसे व्यक्तियों के लिए आरक्षण के निर्देश जारी किए
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र ने बेंचमार्क दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए केंद्र सरकार के सभी विभागों में प्रमोशन में आरक्षण की सीमा चार प्रतिशत तय कर दी है। सरकार ने मंगलवार को सभी विभागों में ऐसे लोगों के लिए आरक्षण के निर्देश जारी किए। बेंचमार्क (मानक) दिव्यांगता से तात्पर्य दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत आने वाली 21 तरह की दिव्यंगताओं में से किसी एक में न्यूनतम 40 प्रतिशत दिव्यांगता से है।

पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 34 में किए गए प्रावधानों के मुताबिक 'प्रमोशन में आरक्षण' पर निर्देश जारी करे।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) द्वारा केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों को जारी एक आदेश में कहा गया है, 'प्रमोशन के मामले में, समूह 'सी' के अंदर कैडर क्षमता में रिक्तियों की कुल संख्या में चार प्रतिशत, समूह 'सी' से समूह 'बी', समूह 'बी' के अंदर और समूह 'बी' से समूह 'ए' के निचले पद को पीडब्ल्यूबीडी के लिए आरक्षित किया जाए।'

इसमें कहा गया है कि प्रमोशन में आरक्षण उन कैडर में लागू होंगे जिनमें सीधी भर्ती, यदि होती है, 75 प्रतिशत से अधिक नहीं हो।

डीओपीटी ने प्रत्येक सरकारी विभाग को एक वरिष्ठ अधिकारी को शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करने को कहा है।

आदेश में कहा गया है, 'प्रमोशन में आरक्षण के किसी भी विषय से परेशान कोई भी व्यक्ति संबद्ध सरकारी प्रतिष्ठान के शिकायत निवारण अधिकारी के पास शिकायत दायर कर सकता है।'

इसमें कहा गया है कि हर दायर शिकायत की उसके पंजीकरण से दो महीने के अंदर पड़ताल की जाएगी और उसके नतीजों या की गई कार्रवाई से शिकायतकर्ता को अवगत कराया जाएगा।

आरक्षण के लिए स्थायी प्रमाणपत्र आवश्यक

आदेश में कहा गया है कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम,2016 की धारा 20(3) के संदर्भ में महज दिव्यांगता के आधार पर किसी व्यक्ति को पदोन्नति से वंचित नहीं किया जाएगा। आदेश में यह भी कहा गया है, 'दिव्यांगता के अस्थायी प्रमाणपत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा।'