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Mahua Moitra Bribe Case: गलत था सांसद महुआ मोइत्रा की लॉग-इन के इस्तेमाल का फैसला: उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी

घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में कुछ दिनों पहले संसदीय आचार समिति के समक्ष हलफनामा दाखिल करने वाले उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की संसद की लॉग-इन का इस्तेमाल करना उनके व्यक्तिगत फैसले की त्रुटि थी और उन्हें इसका खेद है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस पूरे मामले में मेरा फंसना मेरी निर्णय संबंधी भूल है।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Tue, 24 Oct 2023 02:07 AM (IST)
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महुआ मोइत्रा की संसद की लॉग-इन का इस्तेमाल करना उनके व्यक्तिगत फैसले की त्रुटिः दर्शन हीरानंदानी

एएनआइ, नई दिल्ली। Mahua Moitra Bribe Case: घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में कुछ दिनों पहले संसदीय आचार समिति के समक्ष हलफनामा दाखिल करने वाले उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की संसद की लॉग-इन का इस्तेमाल करना उनके व्यक्तिगत फैसले की त्रुटि थी और उन्हें इसका खेद है।

दर्शन हीरानंदानी ने क्या कहा?

एक अंग्रेजी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में दर्शन हीरानंदानी ने कहा

मुझे लगता है कि इस पूरे मामले में मेरा फंसना मेरी निर्णय संबंधी भूल है। जैसा कि मैंने कहा, जो कुछ हुआ उसके बारे में मैंने अपने हलफनामे में बहुत स्पष्ट कहा है। इस संबंध में मेरे पास और कुछ बताने के लिए नहीं है।

राजनीतिक विवाद में बदला मामलाः हरीनंदानी

उन्होंने कहा कि अधिवक्ता देहद्राई की शिकायत के बाद यह मामला पूरी तरह सुर्खियों में आ गया और राजनीतिक विवाद में बदल गया। संसदीय आचार समिति ने इस मामले को औपचारिक रूप से उठाया। चूंकि इसमें सीधे तौर पर उनका नाम शामिल था इसलिए एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में यह उनका दायित्व था कि वह तथ्यों को जनता के सामने लाएं।

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हलफनामे पर मैंने स्वेच्छा से हस्ताक्षर किए थे, बिना किसी भय या पक्षपात के। इसका सुबूत यह है कि मैंने दुबई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में इसकी नोटरी भी कराई थी। चूंकि मैं दुबई में हूं, इसलिए मैंने वहां इसकी नोटरी कराई। इसके बाद मैंने इसे लोकसभा की विशेषाधिकार समिति को भेजा और इसकी प्रतियां ईमेल से सीबीआइ व डा. निशिकांत दुबे को भेजीं।- हीरानंदानी

महुआ ने लगाया था आरोप

महुआ ने आरोप लगाया था कि हीरानंदानी से जबरन सफेद कागज पर हस्ताक्षर कराए गए थे। हीरानंदानी से जब पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि महुआ उद्योगपति गौतम अदाणी पर हमला कर प्रधानमंत्री पर निशाना साधना चाहती थीं, इस पर उन्होंने कहा

इस संदर्भ में मैं अपने हलफनामे पर कायम हूं, लेकिन यह बता सकता हूं कि उन्हें लगा कि अदाणी पर हमला करने से प्रधानमंत्री को निशाना बनाया जाएगा क्योंकि दोनों के बीच एक राज्य से होने के कारण कथित तौर पर निकटता थी।' महुआ मोइत्रा को उपहारों से संबंधित सवाल का उन्होंने जवाब नहीं दिया।

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