I.N.D.I.A की चौथी बैठक में सीट बंटवारे पर होंगे निर्णायक फैसले, 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी होगी तेज
पांच राज्यों के चुनाव बाद की वास्तविकताओं को भांपते हुए सीट बंटवारे को गति देने की प्रक्रिया पर कांग्रेस भी अब लचीला रूख अपनाने के संकेत दे रही है। 19 दिसंबर की बैठक में आइएनडीआइए के नेताओं के बीच लोकसभा सीट बंटवारे पर व्यापक सहमति बन जाने की संभावना है। भाजपा को मजबूत चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों के बीच सीटों का बंटवारा पहली प्राथमिकता है।
By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 17 Dec 2023 05:51 PM (IST)
संजय मिश्र, नई दिल्ली। कांग्रेस की हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में हुई हार से बढ़ी विपक्षी खेमे की बेचैनी के बीच मंगलवार को होने वाली I.N.D.I गठबंधन की बैठक में इससे उबरने का रास्ता निकालने के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों को रफ्तार देने की रूपरेखा तय की जाएगी। बैठक से जुड़ी सियासी सरगर्मियों के संकेतों से साफ है कि भाजपा को मजबूत चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों के बीच सीटों का बंटवारा पहली प्राथमिकता है।
सीटों के बंटवारे की रूपरेखा होगी तैयार
पांच राज्यों के चुनाव बाद की वास्तविकताओं को भांपते हुए सीट बंटवारे को गति देने की प्रक्रिया पर कांग्रेस भी अब लचीला रूख अपनाने के संकेत दे रही है। इस लिहाज से विपक्षी गठबंधन की चौथी बैठक में सीटों के बंटवारे की रूपरेखा तय हो जाने के आसार हैं। विपक्षी गठबंधन का संयुक्त सचिवालय और प्रवक्ताओं का पैनल बनाने से लेकर विपक्षी गठबंधन के वैकल्पिक सियासी नैरेटिव पर भी इस बैठक में निर्णायक फैसला लिया जाएगा।
भाजपा की जीत के बाद विपक्ष के सामने नई चुनौती
विपक्षी गठबंधन से जुड़े सूत्रों के अनुसार, हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में भाजपा की वापसी के बाद विपक्षी खेमे के पास लोकसभा चुनाव में मजबूत चुनौती पेश करने के लिए देरी की अब रत्ती भर भी गुंजाइश नहीं है। सीट बंटवारे का फैसला करने के बाद ही गठबंधन के आगे की दशा-दिशा का ठोस निर्धारण हो पाएगा। उनका कहना था कि कांग्रेस को भी इस बात का अहसास हो गया है कि तेलंगाना में मिली जीत ही उसके लिए काफी नहीं है। पार्टी को सीट बंटवारे में क्षेत्रीय दलों के साथ लचीला व व्यावहारिक रूख अपनाना पड़ेगा।लोकसभा सीट बंटवारे पर व्यापक सहमति के आसार
चार-पांच राज्यों के अलावा सीट बंटवारे में कोई खास दिक्कत नहीं है और ऐसे में 19 दिसंबर की बैठक में आइएनडीआइए के नेताओं के बीच लोकसभा सीट बंटवारे पर व्यापक सहमति बन जाने की संभावना है। विपक्षी खेमे में तालमेल की चुनौतियों के संदर्भ में सूत्र ने कहा कि उत्तरप्रदेश, बिहार, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के अलावा सीट बंटवारे की समस्या कहीं बड़ी अड़चन नहीं है। सूत्र ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने उत्तरप्रदेश में कांग्रेस को केवल आठ सीटें देने की पेशकश की है, मगर कांग्रेस 22 सीटें मांग रही है।
इन राज्यों में पेंच फंसने की उम्मीद
I.N.D.I.A के नेताओं को उम्मीद है कि सपा-कांग्रेस आपसी इस रस्साकशी में बीच के किसी संख्या फार्मूले पर सहमति का रास्ता निकाल लेंगी। बिहार में भी कांग्रेस के सामने कुछ ऐसी ही चुनौती है, जहां पार्टी 10 सीटें मांग रही मगर राजद-जदयू उसे चार-पांच सीटें ही देना चाहते हैं।आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब दोनों जगह तालमेल का दबाव बना रही है, मगर कांग्रेस पंजाब में अपनी राज्य इकाई के इसके खिलाफ विद्रोही तेवरों को देखते हुए जोखिम नहीं लेना चाहती। आइएनडीआइए सूत्रों के अनुसार दिल्ली में भाजपा को थामने के लिए आप अपना रूख नरम कर सकती है, क्योंकि पंजाब में भाजपा सीधी लड़ाई में नहीं है। दिल्ली की सात में से आप दो कांग्रेस को और पांच पर खुद लड़ना चाहती है, जबकि कांग्रेस कम से कम तीन सीटें चाह रही है।
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