कोलकाता कांड के पीछे गहरी साजिश, सुबूतों को किया नष्ट! केस डायरी को लेकर CBI के बड़े खुलासे
कोलकाता डॉक्टर मामले को लेकर सीबीआई ने दावा किया कि अस्पताल की घटना की पहली सूचना सुबह 10 बजे टाला थाने को मिली लेकिन थानेदार एक घंटे की देरी से 11 बजे मौके पर पहुंचे। रात 1130 बजे के बाद एफआइआर दर्ज की गई। थानेदार ने उस दिन संदीप घोष से फोन पर बातचीत की थी। जांचकर्ताओं का मानना है कि दोनों के बीच संबंध है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या की वारदात के पीछे सीबीआई को गहरी साजिश देख रही है। केंद्रीय एजेंसी ने रविवार को घटना में गिरफ्तार अस्पताल के पूर्व प्रसिपल डा. संदीप घोष व टाला थाने के प्रभारी अभिजीत मंडल को सियालदह कोर्ट में पेश किया, जहां न्यायाधीश ने दोनों को 17 सितंबर तक के लिए केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि थानेदार अभी तक मुख्य घटना में आरोपित नहीं हैं, लेकिन लगता है कि वारदात के पीछे कोई बड़ी साजिश है और थानेदार इसमें शामिल हैं। एजेंसी ने थानेदार द्वारा सुबूतों को नष्ट किए जाने की भी आशंका जताई।
पुलिस और सीबीआई के बीच कोई टकराव नहीं
सीबीआई ने कहा कि पुलिस और उसके बीच कोई टकराव नहीं है लेकिन उसे लगता है कि थानेदार से पूछताछ में घटना के बारे में कुछ अहम जानकारी सामने आ सकती है। थानेदार के वकील ने अपने मुवक्किल की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया। जब संदीप घोष व थानेदार को कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था तब उनके खिलाफ लोगों ने चोर-चोर के नारे लगाए व जूते फेंके। इस दिन सियालदह बार काउंसिल ने निर्णय लिया कि इस मामले में आरोपितों की तरफ सियालदह कोर्ट का कोई भी वकील पैरवी नहीं करेगा।मां ने दोबारा पोस्टमार्टम के लिए किया था अनुरोध
सीबीआई ने कोर्ट में दावा किया कि पीडि़ता की मां ने थानेदार से अपनी बेटी के शव का दोबारा पोस्टमार्टम करने का अनुरोध किया था लेकिन थानेदार ने शव को जलाने में जल्दबाजी की। मामले में नियमों का पालन नहीं किया गया। थानेदार ने जानबूझकर मामले में अनदेखी की है।केस डायरी में त्रुटियां
सीबीआई ने केस डायरी में त्रुटियां होने की बात कही है और इसके बारे में सुप्रीम कोर्ट को सूचित करेगी। उसका कहना है कि अगर केस डायरी को नए सिरे से लिखा जाता तो बेहतर होता। इतनी गंभीर जांच में ऐसी खामियां देखकर वह सशंकित है। जांचकर्ताओं ने इस सिलसिले में पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी से वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से पूछताछ की है।